पीलीभीत: गैंगरेप के मुकदमे से नाम निकालने को आरोपी से मांगे 20 हजार, दरोगा गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम ने अमरिया से की धरपकड़, सुनगढ़ी में चलती रही पूछताछ
पीलीभीत, अमृत विचार: सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी से 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते एंटी करप्शन बरेली की टीम ने अमरिया थाने के दरोगा महेंद्र सिंह यादव को रंगे हाथ धर दबोचा। टीम उसे पकड़कर सुनगढ़ी थाने ले आई और देर रात तक पूछताछ की जाती रही।
खास बात रही कि इस मामले की शिकायत पीड़ित पक्ष या फिर किसी और ने नहीं, सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी ने ही एंटी करप्शन टीम से की थी। एसपी ने रिश्वत लेते धरे गए दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश कर दिए हैं। उधर, एंटी करप्शन टीम की ओर से एफआईआर कराई गई है।
एक माह पूर्व अमरिया थाने में कोर्ट के आदेश पर घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के दौराहट निवासी अजय पांडे, राधेश्याम और मनोज प्रजापति को आरोपी बनाया गया था। इस मुकदमे की विवेचना दरोगा महेंद्र सिंह यादव को दी गई थी। विवेचक ने आरोपियों का विवेचना के दौरान नाम निकालने और मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत की मांग शुरू कर दी।
बताते हैं कि पहले दरोगा ने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी लेकिन जब नामजद आरोपियों ने इतने रुपये की व्यवस्था से इनकार कर दिया तो 20 हजार रुपये की मांग की गई। रुपये न देने पर चार्जशीट लगाने की धमकी दरोगा की ओर से दी जाने लगी। इसी से परेशान होकर आरोपियों ने एंटी करप्शन की बरेली इकाई से शिकायत कर दी।
एंटी करप्शन टीम सोमवार को पीलीभीत पहुंची। डीएम की ओर से नामित किए गए दो कर्मचारियों और शिकायतकर्ता को साथ ले लिया। अमरिया पहुंचने के बाद दरोगा से शिकायतकर्ता ने संपर्क किया। इस पर दरोगा अमरिया थाने के पास एक गली में रुपये लेकर बुलाया। वहां पहुंचकर टीम ने निगरानी शुरू कर दी।
जैसे ही दरोगा ने रिश्वत ली, उस एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर लिया। कुछ देर अमरिया में ही पूछताछ की जाती रही। फिर शाम को टीम दरोगा को लेकर शहर के सुनगढ़ी थाने में आ गई।जहां पर रिश्वत लेने को लेकर कार्रवाई देर रात तक चलती रही। दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई।
उधर, मामला संज्ञान में आते ही एसपी अतुल शर्मा ने दरोगा को निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। सीओ सदर प्रतीक दहिया ने बताया कि दरोगा के रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़े जाने की जानकारी मिली थी। दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। कानूनी कार्रवाई एंटी करप्शन टीम द्वारा कराई गई है।
पहले की गई थी गोपनीय पड़ताल
बताते हैं कि एंटी करप्शन टीम ने शिकायत मिलने के बाद पहले गोपनीय तरीके से पड़ताल की थी। इसके लिए टीम पीलीभीत के अमरिया क्षेत्र में भी आई थी और दरोगा की छवि के बारे में जाना। जिसमें प्रथम दृष्टया रिश्वत मांगने के आरोप सही पाए जाने पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। फिर कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद शिकायतकर्ता संग मिलकर दरोगा को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बना ली।
2023 में रिश्वत लेते पकड़े जा चुके पांच कर्मचारी
जिले में रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम द्वारा की गई धरपकड़ कोई नई बात नहीं है। इस साल कई अन्य सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते टीम द्वारा धरे जा चुके हैं। 11 अक्टूबर को बीआरसी बिलसंडा का डाटा एंट्री ऑपरेटर विल्प सिंह गिरफ्तार किया गया था।
आठ सितंबर को एक किसान से मिली शिकायत के बाद टीम ने कलीनगर तहसील क्षेत्र के लेखपाल केके सागर को पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था। जुलाई में एंटी करप्शन टीम ने पूरनपुर तहसील के लेखपाल सुनील कुमार को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। उस वक्त किसान से तूंदाबंदी कराने के नाम पर रिश्वत मांगी गई थी। इसके अलावा मार्च में एंटी करप्शन टीम ने दस हजार रुपये की रिश्वत लेते अमरिया तहसील के लेखपाल अनुराग गंगवार की भी गिरफ्तारी की थी।
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