चंडीगढ़: राहुल गांधी ने किया अखाड़े का दौरा, झज्जर में बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों से मिले

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Published By Om Parkash chaubey
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चंडीगढ़। बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उठे विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को हरियाणा के झज्जर में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और अन्य पहलवानों से मुलाकात की। पिछले सप्ताह डब्ल्यूएफआई के चुनाव में संजय की जीत के विरोध में बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटा दिया था।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने वीरेंद्र अखाड़े में पहलवानों से मुलाकात की। बजरंग ने कुश्ती में अपनी शुरुआत इसी अखाड़े से की थी। बजरंग ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (राहुल गांधी) हमारी दिनचर्या (प्रशिक्षण) देखने आए थे। उन्होंने मेरे साथ कुश्ती और व्यायाम किया। वह यह देखने आए थे कि एक पहलवान की रोजमर्रा की जिंदगी कैसी होती है।’’

यह मुलाकात विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट के संजय के चुनाव के विरोध में अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को वापस लौटाने के एक दिन बाद हुई है। गांधी ने बाद में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पूछा कि अगर ‘भारत की बेटियों’ को अपने अधिकारों और न्याय के लिए सड़कों पर उतरने के लिए अपना अखाड़ा छोड़ना पड़ता है तो क्या माता-पिता अपने बच्चों को कुश्ती खेलने के लिए भेजेंगे।

उन्होंने एक्स पर लिखा,‘‘वर्षों की जीतोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है।’’ गांधी ने कहा,‘‘सवाल सिर्फ एक है - अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा?’’

उन्होंने आगे लिखा,‘‘यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सर गौरव से ऊंचा करने दीजिए।’’ गांधी जंतर-मंतर पर बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के नेतृत्व में पहलवानों के पांच महीने तक चले विरोध प्रदर्शन का जिक्र कर रहे थे।

इन पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। गुरुवार को संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था। बृजभूषण के करीबी संजय के गुट ने इन चुनाव में 15 में से 13 पद जीते थे। पहलवानों ने इससे पहले मांग की थी कि बृज भूषण का कोई भी करीबी डब्ल्यूएफआई प्रशासन में नहीं होना चाहिए।

चुनाव के बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। खेल मंत्रालय ने हालांकि फैसला करते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर नव निर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को कुश्ती के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था।

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