बाराबंकी: आलू की फसल को झुलसा व पाले से बचाने के दिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को दिए टिप्स
कृषि रक्षा इकाईयों पर 50 प्रतिशत अनुदान पर कीटनाशक उपलब्ध
बाराबंकी। मौसम में नमी और ठंडक बनी रहने के कारण आलू की फसल में झुलसा बीमारी का प्रकोप होने की सम्भावना रहती है। इसको लेकर जिला कृषि रक्षा अधिकारी विजय कुमार ने कुछ टिप्स किसानों को दिए है। उन्होंने बताया कि झुसला से किसान अपनी फसल को बचाने के लिए फंफूदीनाशक मैन्कोजैब 75 प्रतिशत अथवा जिनेब 75 प्रतिशत दो से ढाई किलों प्रति हेक्टयर के हिसाब से 400-500 लीटर पानी में मिलाकर रोग लगने से पहले छिड़काव कर दें। यह छिड़काव फसलों में सुरक्षा कवच बनकर काम करेगा।
आलू की फसल में फुसला रोग लगने की दशा में आधा किलो कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत अथवा दो किलो मैकोंजेब 75 प्रतिशत प्रति हेक्टयर की दर से प्रयोग करें। इससे फसलों को पाले से बचाया जा सकेगा। पाला पड़ने से दलहनी फसलों को नुकसान होता है। फसलों पर पोटाश के दो प्रतिशत घोल का छिड़काव करने से पाला का असर नहीं होता है। पाले से बचाव के लिए फसलों की हल्की सिचांई करें। खेतों के आस-पास धुआं करके भी फसलों को पाले से बचाया जा सकता है।
सरसों की फसल में माहू का प्रकोप होने पर मोनोक्रोटोफॉस 36 प्रतिशत अथवा डाइमेथोएट 30 प्रतिशत, एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 400-500 लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें। वहीं किसान भाई अपनी फसल की बराबर निगरानी करते रहें। उन्होंने बताया कि किसान कीटनाशक रसासन 50 प्रतिशत अनुदान के साथ अपने ब्लॉक की कृषि रक्षा इकाइयों से ले सकेंगे।
