संसद सुरक्षा चूक: दिल्ली पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति लेने पहुंची कोर्ट

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत में याचिका दायर कर संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार सभी छह लोगों का पॉलीग्राफ परीक्षण कराने की अनुमति मांगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर किया गया। लेकिन कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के उपस्थित न रहने की वजह से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले को दो जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

याचिका की सुनवाई के दौरान पुलिस छह आरोपियों को भी अदालत में लेकर आई थी। आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत फिलहाल पांच जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया। दिल्ली पुलिस ने पहले अदालत को बताया था कि " हमला सुनियोजित था।"

लोक अभियोजक ने अदालत के समक्ष आगे कहा था कि आरोपियों से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है ताकि "हमले के वास्तविक मकसद" का पता लगाया जा सके और यह भी जानकारी मिल सके कि कहीं उनके किसी अन्य दुश्मन देश या आतंकवादी संगठनों के साथ कोई संबंध तो नहीं हैं। तेरह दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था।

इस दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. नामक दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और नारे लगाते हुए एक ‘केन’ से पीली गैस छोड़ी थी। कुछ सांसदों ने इन दोनों को पकड़ लिया। लगभग इसी समय अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद भवन परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ का नारा लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़ी थी।

सभी छह आरोपियों के खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी छह आरोपी पांच जनवरी तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं। 

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