Exclusive: महिलाओं का दिल ज्यादा दे रहा दगा, अलग-अलग होते लक्षण, इस तरह से रखें स्वस्थ

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में महिलाओं का दिल ज्यादा दे रहा दगा।

कानपुर में महिलाओं का दिल ज्यादा दगा दे रहा। कार्डियोलॉजी संस्थान में दिल की समस्या से ग्रस्त महिलाएं अधिक पहुंच रही है।

कानपुर, (विकास कुमार)। सर्दी का सितम कहें या अनियमित जीवनशैली का दुष्प्रभाव, इस समय बड़ी संख्या में लोग दिल की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। खास बात यह है कि पुरुषों की अपेक्षा सर्दी के मौसम में महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक इसकी वजह अभी स्पष्ट नहीं है। अभी तक सर्दी के मौसम से  पुरुषों में हार्ट अटैक के मामले अधिक रहते थे।   

कार्डियोलॉजी संस्थान में इस समय रोज औसतन करीब 700 मरीज दिल से संबंधित बीमारी का इलाज कराने पहुंच रहे हैं, इनमें महिलाओं की संख्या अधिक रहती है। चिकित्सकों का कहना है कि महिलाओं में यह समस्या बिगड़ी जीवनशैली और अनियमित खानपान की वजह से हो सकती है। सर्दी के मौसम में अधिकांश महिलाएं ठंडे पानी में काम करती हैं। तमाम महिलाएं बाहर निकलते समय खुद को गर्म कपड़ों से ढकने से बचती हैं।

इस कारण सर्द हवा कान, नाक, गले, हाथ व पैर के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती है और नसें सिकुड़ने लगती हैं। शरीर व दिल में ऑक्सीजन व ग्लूकोस की मात्रा कम होने लगती है, जिस वजह से उनको हार्ट अटैक की संभावना अधिक रहती है। कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ.राकेश वर्मा ने बताया कि इस समय संस्थान में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं दिल संबंधित बीमारी की समस्या लेकर अधिक आ रही हैं।

महिलाओं में यह समस्या किस वजह से हो रही है, इसकी जानकारी अभी नहीं है। संस्थान में पहले औसतन पुरुष मरीज 75 फीसदी और महिलाएं  25 फीसदी दिल की बीमारी लेकर आती थीं। लेकिन पिछले कुछ समय से दिल के मरीजों में महिलाओं का प्रतिशत औसतन 60 और पुरुषों का 40 प्रतिशत देखने में आ रहा है। 

अलग-अलग होते लक्षण 

पुरुषों को हार्ट अटैक के दौरान सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में कठिनाई, बाएं हाथ व जबड़े में दर्द और जी मिचलाने जैसी समस्या होती है। जबकि महिलाओं के पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द, सीने में जलन, बेचैनी, चक्कर आने, जी मिचलाने, सांस लेने में कठिनाई और पसीना आने जैसी समस्या होती है। 

यह भी हो सकते जोखिम कारक 

कुछ जोखिम कारक जो विशेष रूप से महिलाओं में हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाते हैं, उस पर ध्यान देने और इससे बचाव करना बहुत जरूरी है। महिलाओं में रजोनिवृत्ति से पहले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने, तनाव व अवसाद की समस्या के साथ हृदय रोग के जोखिम कारकों का समय रहते पहचान न कर पाना खतरनाक हो सकता है। पुरुषों में मोटापा, धूम्रपान, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के अलावा फैमिली हिस्ट्री भी जोखिम कारक हो सकती है। 

ऐसे रखें दिल को स्वस्थ

- तली-भुनी चीजों की मात्रा कम करें।
- प्रतिदिन व्यायाम जरूर करें।
- वजन व ब्लड शुगर नियंत्रित रखें।
- सात या आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें। 
- बहुत ज्यादा चिंता व तनाव से दूर रहें।
- सीढ़ियां चढ़ें व उतरें, पार्क में टहलें।  
- शराब, सिगरेट से परहेज करें।

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