बरेली: बच्चा थका महसूस करे या सीने में दर्द की शिकायत तो न करें नजर अंदाज

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Published By Vishal Singh
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बड़ों के साथ किशोर भी आ रहे हृदय रोग की चपेट में

बरेली, अमृत विचार। अगर आपका बच्चा थका-थका महसूस कर रहा है या सीने में दर्द की शिकायत है तो उसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि किशोर भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। हाल की घटना अमरोहा की है, जहां शनिवार को क्रिकेट खेलते समय किशोर की मौत हो गई। ऐसे में अभिभावकों को सजग रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार परिवेश में बदलाव, असंतुलित खानपान समेत कई कारण बच्चों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं।

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हाइपरट्राॅफिक कॉर्डियोमोयो पैथी बन रहा कारण
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप पंत के अनुसार बच्चों को हार्ट अटैक आना आम बात नहीं है, लेकिन अगर उनकी कोरोनरी आर्टरी असामान्य है या उन्हें हार्ट की मांसपेशियों से जुड़ी कोई बीमारी है तो उन्हें हार्ट अटैक आने का खतरा हो सकता है। हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी हृदय की मांसपेशियों को बहुत मोटा कर देती है। यह मांसपेशियों को डैमेज करता है। इसलिए खेल या अन्य शारीरिक गतिविधि में प्रतिभाग कराने से पहले बच्चे की ईको कॉर्डियोग्राफी स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए, जिससे उसके हृदय की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

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हार्ट अटैक और हार्ट फेल होना दोनों का अलग कारण
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज बंसल बताते हैं कि हार्ट अटैक और हार्ट फेल होना दोनों का अलग कारण है, बच्चे की खेलते हुए अचानक मौत होने का कारण हार्ट फेल रहा होगा, इस उम्र में हृदय संबंधी गंभीर समस्या एक हजार में एक या दो बच्चों में देखने को मिलती है इसमें भी उचित देखरेख के साथ ही अनुवांशिकता भी मुख्य कारण बनती है। हार्ट अटैक की पुष्टि हृदय की ईसीजी जांच के बात ही हो सकती है। हालांकि, परिजनों को बच्चे को अचानक पसीना आना, तेज सांस चलना, अचानक वजन का कम होना समेत अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

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