UP: चार दिन में दो करोड़ के झंडे और पटके बिक गए… 22 जनवरी से पहले व्यापारियों को इतने करोड़ के कारोबार की उम्मीद

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में चार दिन में दो करोड़ के झंडे और पटके बिक गए।

कानपुर में चार दिन में दो करोड़ के झंडे और पटके बिक गए। श्रीराम के चित्र वाले भगवा झंडे और रामनामी पटका की मांग आसमान छू रही। 22 जनवरी से पहले व्यापारियों को छह करोड़ रुपये के कारोबार की और उम्मीद है।

कानपुर, अमृत विचार। राम मंदिर शिलान्यास की तिथि करीब आते ही शहर में श्रीराम के चित्र वाले भगवा झंडे और गले में पहने जाने वाले रामनामी पटका की मांग तेजी से आसमान छूने लगी है। बीते चार दिनों में ही लगभग दो करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है। व्यापारियों का अनुमान है कि 22 जनवरी से पहले छह करोड़ रुपये तक का और कारोबार हो सकता है।  

शहर में धार्मिक कार्यक्रमों में काम आने वाले झंडा, पटका, साफा जैसी सामग्री का बड़ा कारोबार होता है। चौक, शिवाला, जनरलगंज, टोपी बाजार धार्मिक सामग्री के सामानों की थोक बाजार हैं। इन थोक मंडियों में इस समय मेले जैसे माहौल है। आसपास के जिलों के व्यापारियों की भीड़ लगी रहती है।

व्यापारियों का कहना है कि यही उत्साह बना रहा तो 22 जनवरी तक पांच से छह करोड़ रुपये का और करोबार हो सकता है। कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष और शिवाला व्यापार मंडल के संरक्षक गोपी ओमर ने बताया कि बाजार पर रामजी की विशेष कृपा हुई है। कोरोना के बाद मंदी झेल रहा धार्मिक सामग्री का बाजार अब नई उड़ान पर है।   

अकेले शिवाला से बिके पिछले माह 12 लाख झंडे

दिसंबर माह के अंत तक अकेले अकेले शिवाला बाजार से 12 लाख से अधिक राम के चित्र वाले झगवा झंडों की बिक्री हुई है। यह अनुमान  व्यापारियों का है। दुकानदारों ने बताया कि श्रीराम नाम और चित्र वाले भगवा पटका के बाद साफा की सर्वाधिक मांग है।  अन्य बाजारों में भी ‘श्रीराम’ के चित्र वाले के झंडों की भारी मांग है। वीर हनुमान के चित्र वाला झंडा भी ग्राहकों की पसंद आ रहा है। 

बड़े झंडे, डिजायनर पटके के लिए दिए जा रहे आर्डर

साटन के कपड़े पर बनाए गए श्रीराम के चित्र वाले भगवा झंडे साइज के अनुसार 30 रुपये से शुरू होकर 900 रुपये तक में उपलब्ध हैं। मनपंसद बड़े साइज का झंडा बनवाने के लिए काफी संख्या में आर्डर बुक किए जा चुके हैं। इसी तरह राम नाम के चित्र वाले सामान्य पटका 10 रुपये से शुरू होकर 500 रुपये तक में है। कढ़ाई वाले पटके थोड़े और महंगे हैं। डिजायनर पटके बनाने के लिए आर्डर लिए जा रहे हैं। भगवा साफा दुकानों पर 50 रुपये से 700 सौ रुपये तक में मौजूद है।

शहर में 10 करोड़ सालाना का धार्मिक सामग्री बाजार

कारोबारी लक्ष्मी गुप्ता और गौरव गुप्ता ने बताया कि कोरोनाकाल से पहले धार्मिक सामग्री का शहर में दस करोड़ रुपये सालाना का कारोबार था। कोरोना के बाद यह घटकर सवा करोड़ तक आ गया था। लेकिन पिछले कुछ समय से मिली संजीवनी के बाद अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की वजह से अनुमान है कि बाजार बीते एक माह में तीन करोड़ से ज्यादा का व्यापार कर चुका है।

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