हल्द्वानी: साहब भाई की जमीन A श्रेणी में कर दी मेरी B में...एक ही जगह पर दो अलग Category कैसे..?
हल्द्वानी, अमृत विचार। मंडलायुक्त दीपक रावत ने शनिवार को मिनी स्टेडियम रोड स्थित कैंप कार्यालय में जन समस्याओं पर सुनवाई की। भूमि विवाद के कई प्रकरण मौके पर ही सुलझाए।
जनसुनवाई में मंडलायुक्त रावत को जमरानी बांध डूब के दायरे में आ रहे क्षेत्रवासियों ने बताया कि उनकी भूमि ए श्रेणी में आती है लेकिन बी या सी श्रेणी में दर्शा दिया है। एक ग्रामीण ने बताया कि उसकी भाई की भूमि ए श्रेणी में सूचीबद्ध की जबकि उसी स्थान पर उसकी भूमि को बी श्रेणी में दिखा दिया।
इस पर मंडलायुक्त ने एडीएम और प्रोजेक्ट अधिकारियों से वार्ता कर प्रत्येक ग्रामीण की समस्या निस्तारित की जाएगी। आनसिंह रामड़ी निवासी कविता ने बताया कि भवन में बिजली विभाग ने घरेलू मीटर लगाया है, मीटर की रीडिंग 6 माह से नहीं की गई। बिल बिना रीडिंग के दिया जा रहा है, जो कि खपत से अधिक है। मंडलायुक्त ने बिजली ईई को मौके पर बुलाकर समस्या का समाधान किया। पिछली जनसुनवाई में राम सिंह ने बताया था कि ठेकेदार जगदीश सिंह सिंगवाल ने उनकी 3 माह 15 दिन की मजदूरी का भुगतान नहीं किया है।
शनिवार को दोनो पक्षों को तलब कर ठेकेदार से मौके पर ही श्रमिक का भुगतान दिलाया। इस पर फरियादी ने मंडलायुक्त का धन्यवाद किया। ऐशबाग कॉलोनीवासियों ने बताया कि कॉलोनी के नाले पर अतिक्रमण कर स्लैब बना दिए गए हैं। इस अतिक्रमण को ध्वस्त करने की मांग की। इस पर रावत ने नगर निगम के अभिंयता को स्थलीय निरीक्षण कर अतिक्रमण चिन्हित करने व एक सप्ताह के भीतर समस्या निस्तारण के निर्देश दिए। जनसुनवाई में बीमा कंपनियों के ठगी के मामलों में सुनवाई की।
बिना नक्शा स्वीकृत कराए प्लॉटिंग की तो खैर नहीं
इस अवसर पर अवैध कॉलोनियां बसाने के भी कई मामले सामने आए। इस पर मंडलायुक्त ने सख्त लहजे में कहा कि जिला विकास प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत कराए बिना कोई प्लॉटिंग नहीं की जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।
बाहरी लोगों का सत्यापन करें पुलिस
जनसुनवाई में शहरवासियों ने बताया कि पिछले कुछ समय में हल्द्वानी शहर में बाहरी लोगों की आमद बढ़ी है। ये लोग फेरी, फड़, रेहड़ी लगा रहे हैं। इनका पुलिस सत्यापन भी नहीं हुआ है ऐसे में आपराधिक घटनाओं के अंजाम देने का भी खतरा बना हुआ है। इस पर मंडलायुक्त ने पुलिस को बाहरी लोगों का नियमित सत्यापन करने को कहा।
