खबर का असर : बलिदानी कारसेवक के परिवार को मिला प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण, खिले चेहरे 

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Published By Jagat Mishra
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सुल्तानपुर, अमृत विचार। बलिदानी कारसेवक के परिवार को अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण पत्र का बेसब्री से इंतजार था। ‘अमृत विचार‘ ने इसको प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। जिसका असर रहा कि बुधवार की दोपहर राष्टीय स्वयं सेवक संघ के काशी प्रांत प्रमुख रमेश आमंत्रण पत्र लेकर राम बहादुर धाम पहुंचे।

जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के सरतेजपुर गांव निवासी राम बहादुर वर्मा 30 अक्टूबर 1990 को कार सेवा के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे। अयोध्या में इलाज चला। राहत न मिलने पर लखनऊ रेफर किए गए थे। जहां इलाज के दौरान 3 जनवरी को 1991 को उनका निधन हो गया था। परिजन गांव में ही उनके प्रतिमा स्थापित कर उनकी प्रत्येक वर्ष पुण्य तिथि मनाने लगे। धीरे धीरे वह स्थान राम बहादुर धाम के नाम से जाना जानें लगा। भाजपा के सत्ता में आने के बाद राम बहादुर धाम का विस्तार किया गया। अब यह हर वर्ष उनके पुण्यतिथि पर मेला भी लगने लगा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ कई मंत्री भी बलिदानी के पुण्यतिथि में भाग लेने लगे। 

जब परिवार को अयोध्या में 22 जनवरी को होने भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण पत्र मिला तो लोगो में उत्साह भर गया। मौजूद राम भक्तों ने जय श्री राम के जयकारे लगाते हुए राम बहादुर अमर रहे के नारे से क्षेत्र गूंज उठा।

जेब में रखा एक हजार भी दिया था दानः द्विवेदी 
सामाजिक समरसता संजोयक कृपा शंकर द्विवेदी ने बताया कि कार सेवा के दौरान राम बहादुर वर्मा हमारी टोली के नायक थे। उनके अंदर गजब का उत्साह था। देखते ही देखते कब वह विवादित ढांचे पर चढ़ गए पता ही नहीं चला। इसी दौरान गोली लगने से घायल हो गए। इलाज के दौरान जब उन्हें होश आया तो उन्होंने कहा कि मेरी जेब में एक हज़ार रुपये है, मन्दिर में दान कर देना। उन्हंे अपने इलाज से ज्यादा राम मंदिर निर्माण में आस्था थी।

तकनीकी कारणों से आमंत्रण में हुआ विलंब 
काशी प्रांतप्रचारक रमेश सिंह ने कहा कि राम जन्म भूमि के 500 वर्ष के इतिहास में 72 बार लड़ाई लड़ी गई, जिसमें लाखों राम भक्तो ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनमें से एक राम बहादुर वर्मा भी थे। कुछ तकनीकी कारणों से इनके परिजनों को बुलावा पत्र नहीं मिल सका था। लेकिन आज आमंत्रण पत्र देकर गर्व महसूस हो रहा है। डेढ़ अरब की आबादी में से मात्र आठ हजार लोगों को आमंत्रण पत्र दिया गया है। बलिदानी के पुत्र व मौजूदा प्रधान काली सहाय वर्मा ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की घोषणा होते ही बड़ी खुशी हुई थी। पिता का राम मंदिर निर्माण में बलिदान बेकार नहीं गया। आमंत्रण पत्र न मिलने से निराशा हुई थी। लेकिन आमंत्रण पत्र मिल जानें के बाद आज उन्हे व परिवार को दोहरी खुशी मिली है।  इस अवसर पर विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश,  विभाग संचालक डॉ एके सिंह, जिला कार्यवाहक भानू प्रताप सिंह,जिला प्रचारक आशीष ,संघ के सामाजिक समरसता संयोजक कृपा शंकर, खण्ड कार्यवाह पंकज, जिला अध्यक्ष डा आरए वर्मा, सदर विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह आदि रहे। 

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