बदायूं: अवकाश की स्वीकृति देना जूनियर फोरमैन को पड़ा महंगा, हुई हाथापाई
जूनियर फोरमैन ने स्वीकृत किया था चालक का प्रार्थना पत्र
बदायूं, अमृत विचार। एक चालक के प्रार्थना पत्र पर अवकाश की स्वीकृति देना जूनियर फोरमैन को महंगा पड़ा गया। वरिष्ठ लिपिक ने उन्हें गाली दी और गला पकड़कर हाथापाई भी की। आसपास मौजूद कर्मचारियों ने बीच बचाव कराया। जूनियर फोरमैन ने परिवहन निगम के सेवा प्रबंधक से शिकायत की है।
परिवहन निगम की वर्कशॉप के जूनियर फोरमैन महेश चंद्र विमल ने सेवा प्रबंध से वरिष्ठ लिपिक व संगठन के पदाधिकारी की शिकायत की है। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह लगभग 10 बजे चालक बृजपाल पाली अपने पारिवारिक सदस्या बताते हुए उनके पास स्वीकृति के लिए प्रार्थना पत्र लाए थे। महेश चंद्र ने उनसे कहा कि उनका अवकाश समय पाल या केंद्र प्रभारी ही स्वीकृत कर सकते हैं। बृजपाल पाली ने बताया कि समयपाल ने ही उन्हें उनके पास भेजा है। कहा है कि पहले महेश चंद्र विमल स्वीकृत करें तब वह भी अवकाश की स्वीकृति दे देंगे। जिसपर महेश चंद्र विमल ने उसपर हस्ताक्षर कर दिए।
आरोप है कि लगभग 15 मिनट के बाद वरिष्ठ लिपिक असद कदीर के पास बृजपाल पाली का प्रार्थना पत्र लेकर आए। कहा कि उन्होंने अवकाश की स्वीकृति तो दे दी लेकिन उनकी जगह दूसरा किसे नियुक्त किया है। महेश चंद्र ने कहा कि आपने ही तो पहले स्वीकृति देने को कहा था। महेश चंद्र ने वह प्रार्थना पत्र वापस ले लिया और वरिष्ठ लिपिक से कहा कि वह अपने स्तर से ही स्वीकृति दे दें। आरोप है कि असद कदीर ने गाली गलौज शुरू कर दी। उनका गला पकड़कर हाथापाई की। जान से मारने की धमकी दी। आसपास मौजूद कर्मचारियों ने बीच बचाव कराया।
जूनियर फोरमैन ने एक अवकाश के प्रार्थना पत्र पर स्वीकृति दी थी। प्रार्थना पत्र ले जाकर उनसे बस इतना पूछा था कि फोरमैन साहब क्या यह साइन आपके हैं। इतनी से बात पर उन्होंने मेरे हाथ से प्रार्थना पत्र छीन लिया और फाड़कर फेंक दिया। हाथापाई जैसी कोई घटना नहीं हुई- असद कदीर, वरिष्ठ लिपिक।
फोरमैन आज मिले थे। उन्होंने न तो मौखिक और न ही लिखित शिकायत की है। मामले की जानकारी करके आगे की कार्रवाई की जाएगी और उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा- धर्मेंद्र कुमार चौबे, एआरएम।
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