पुलिस ने रोका तो पगडंडियों के सहारे पहुंच गए रामनगरी, पढ़िए कारसेवकों की दास्तां 

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
On

सौरभ शुक्ला/  टिकैतनगर/ बाराबंकी, अमृत विचार। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के हर्षोल्लास के साथ जिले में विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजन की तैयारी जोरों पर हैं। राम सेवक के रुप में अपना योगदान दे चुके कार सेवकों को आज रामचरित मानस की चौपाई सुफल मनोरथ होई तुम्हारे, राम लखनु सुनि भए सुखारे का कलयुग में दूसरे अर्थ में दिख रही है। नगर पंचायत टिकैतनगर में भी राम मंदिर को लेकर राम भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं बाबरी विध्वंस के दौरान अपना योगदान देने वाले कार सेवको में भी काफी उत्साह है। कारसेवकों में प्राण प्रतिष्ठा होने से अपनी मेहनत सफल होने को लेकर उत्साह से लबरेज हैं। 

6 - 2024-01-14T135203.830

6 दिसंबर 1992 में बाबरी विध्वंस के दौरान भगवान राम के कारसेवा में गए 68 वर्षीय युगुल किशोर शुक्ल ने बताया कि 1984 में सरयू तट पर विहिप द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसके बाद 1990 में दोबारा आयोजन हुआ तो राम भक्ति में लीन युगल किशोर को दोबारा मौका मिला। तो इन्होंने सत्य प्रकाश गुप्ता, ओम प्रकाश गुप्ता, राम जी पांडेय, सुंदर लाल सोनी , श्याम किशोर वैश्य आदि के साथ रात में अयोध्या जाने का मन बना लिया। बारिनबाग में पुलिस ने रोक कर वापस कर दिया। तो खेत की पगडंडियों का सहारा लिया।

7 - 2024-01-14T135329.715

सुबह होते होते सब नया घाट पहुंचे। हजारों की संख्या में राम ध्वज लिए कारसेवक दिखाई दिए तो थोड़ा सुकून महसूस किया। सरयू में स्नान कर छोटी छावनी पहुंचे। जहां विहिंप द्वारा आयोजित कार्यक्रम को अशोक सिंघल, विनय कटियार, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, परम हंस दास आदि बारी बारी से कार सेवकों को संबोधित कर रहे थे। उनके संबोधन की शक्ति कार सेवकों में दोगुना उत्साह पैदा कर रही थी । आयोजन स्थल पर पुलिस द्वारा लाठी डंडा , त्रिशूल , फरसा , चिमटा ,आदि ले जाने का प्रतिबंधित था। 

8 - 2024-01-14T135557.058

सभी कारसेवक आयोजन स्थल पर निहत्थे जा रहे थे की तभी पुलिस बल ने दिगंबर अखाड़ा के पास रोक लिया तो सैकड़ों कार सेवक वहीं सत्याग्रह पर बैठ गए। भीड़ बढ़ती जा रही थी की कारसेवकों पर गोली चला दी गई । हमारी आखों के सामने ही लोग घायल मृतक कार सेवकों को लेकर छोटी छावनी जाने लगे । हम लोगों ने भी एक दीवाल का सहारा लेकर अपनी जान बचाई।

9 - 2024-01-14T135702.427

यह खूनी मंजर आज भी याद आता है तो रुह कांप जाती है लेकिन आज जब भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है तो अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं की  राम के काज में हमारा जाना सफल हुआ।

ये भी पढ़ें -बाराबंकी : अनियंत्रित कार नहर में गिरी एक की मौत, एक लापता - तलाश में जुटे गोताखोर

संबंधित समाचार