हल्द्वानी: एनिमल लैब नहीं होने से पशुपालकों को होती है परेशानी

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। पालतू पशु भी बीमार पड़ जाते हैं लेकिन कोई गंभीर रोग होने पर उनके एक्स-रे, ब्लड आदि जांचों के लिए शहर में कोई पशु रोग निदान प्रयोगशाला नहीं हैं। इससे लोगों को खासी परेशानियां होती हैं। 

पालतू पशु के बीमार पड़ जाने पर चिकित्सक उसका कोई टेस्ट आदि कराने को कहे तो शहर के लोगों को रुद्रपुर जाना पड़ता है, क्योंकि राजकीय पशु रोग निदान प्रयोगशाला वहीं है। इससे लोगों का अतरिक्त समय व रुपये खर्च होते हैं। 

कुसुमखेड़ा के कल्पित मिश्रा कहते हैं कि कुछ दिन पहले उनकी बिल्ली को चोट लग गई तो डॉक्टर ने उसका एक्स-रे कराने को कहा, इसके लिए उन्हें ऑफिस से छुट्टी लेकर निजी वाहन से रुद्रपुर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि शहर में ही लैब होती तो उन्हें सुविधा होती। लोग शौकिया तौर पर कुत्ते, बिल्ली आदि पालते हैं, साथ ही जिले में लाखों दूधारू पशु पालकों हैं व आए दिन पशु बीमार पड़ते रहते हैं लेकिन उनके लिए रोग निदान प्रयोगशाला का न होना चिंताजनक है।

कुमाऊं में अल्मोड़ा व रुद्रपुर में ही राजकीय पशु रोग निदान प्रयोगशाला है। रुद्रपुर स्थित लैब की डॉ. सपना मिश्रा बताती हैं कि प्रतिदिन 20-25 लोग अपने पालतू पशुओं की अलग-अलग जांचों के लिए आते हैं, जिसमें नैनीताल, चंपावत, उत्तर प्रदेश आदि जगहों से लोग आते हैं।


पशुओं की रूटीन जांच जिले व मंडल स्तर पर हो जाती है, सीरियस जांच के लिए सैंपल को एडवांस लैब में भेजा जाता है।
- डॉ. एसबी पांडे, प्रभारी अपर निदेशक, पशुपालन विभाग

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