Kanpur News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने बनाए रसायन मुक्त स्वीटनर्स, डायबिटीज के मरीज भी कर सकेंगे इस्तेमाल..
कानपुर में एनएसआई ने रसायन मुक्त स्वीटनर्स बनाए हैं।
कानपुर में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) बिना रसायन का उपयोग किए स्वीटनर्स बना रहा है। कम लागत में विकसित इस स्वीटनर्स का उपयोग मधुमेह की बीमारी के मरीज कर सकते हैं।
कानपुर, अमृत विचार। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) बिना रसायन का उपयोग किए स्वीटनर्स बना रहा है। कम लागत में विकसित इस स्वीटनर्स का उपयोग मधुमेह की बीमारी के मरीज कर सकते हैं। इन स्वीटनर्स को कई कंपनियां और बेकरियां काफी पसंद कर रही हैं।
संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि स्वीटनर्स विभिन्न स्वादों में उपलब्ध हैं। इन्हें सेहतमंद बनाने के लिए कैलोरी और न्यूट्रीशन की मात्रा का ध्यान रखा गया है। संस्थान में शर्करा प्रौद्योगिकी की रिसर्च फेलो श्रुति शुक्ला ने बताया कि हमारा प्रयास कम लागत में स्वीटनर्स विकसित करना है। चीनी की बेहतर न्यूट्रिशन प्रोफाइल उपभोक्ताओं में इसकी स्वीकार्यता बनाने में सहायक होगी।
शर्करा प्रौद्योगिकी की विशिष्ट शर्करा, गुड़ व अन्य स्वीटनर्स लोगों को खूब पसंद आ रही हैं। सीनियर रिसर्च फेलो अनुष्का अग्रवाल कनोडिया ने बताया कि हमने शर्करा को क्रिस्टलीय और तरल दोनों रूपों में कम कैलोरी, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली शर्करा, फोर्टिफाइड शर्करा और गुड़ के रूप में विकसित किया है। इस प्रक्रिया में किसी रसायन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह पूरी तरह प्राकृतिक है।
इसके उपयोग से लोग कई तरह की बीमारियों से बचे रह सकेंगे। हमने सूखे मेवों के साथ मिश्रित गुड़, प्राकृतिक गन्ना स्प्रेड, अदरक, दालचीनी, चॉकलेट और अन्य प्राकृतिक सामग्री के साथ प्रदर्शित किया है। अब इन स्वीटनर्स का उपयोग विभिन्न बेकरी और कन्फेक्शनरी उत्पाद जैसे ब्राउनी, केक, पौष्टिक बिस्कुट, गुड़ से बनी चॉकलेट और अन्य पारंपरिक मीठे व्यंजनों में किया जा रहा है।
