मुरादाबाद: विहिप नेता समेत चार लोगों ने कराई गोकशी, उलटा घेरा था थाना

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Published By Priya
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छजलैट थानाध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा को हटवाने को कथित नेताओं ने पशु चोरी कर करा दी गोकशी, आए दिन तहसील-थाने को समर्थकों के साथ घेर रहे थे आरोपी, मददगार दरोगा भी निलंबित

मुरादाबाद, अमृत विचार। गोकशी का आधार बनाकर छजलैट थानाध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा को हटवाने की जिद में विश्व हिंदू परिषद के कथित नेताओं ने हैरतंगेज कारनामा कर डाला। इन लोगों ने दो बार गोकशी कराकर कांवड़ पथ पर गोवंश के अवशेष रखवाए। यही नहीं, थानाध्यक्ष पर गोकशी करने वालों से मिले होने के आरोप में थाना और कांठ तहसील में लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। इनके समर्थकों ने बुधवार को भी छजलैट थाने को घेरा, लेकिन जब पुलिस ने आरोपियों को सुबूत के साथ पकड़ लिया तो धरना देने वाले समर्थक भी थाने से लौट गए। आरोपियों की मदद में लगे दरोगा नरेंद्र कुमार को भी एसएसपी ने निलंबित कर दिया है।

एसएसपी हेमराज मीना ने घटना और साजिशकर्ताओं के राज को सार्वजनिक किया है। उन्होंने बताया कि मोनू विश्नोई उर्फ सुमित, राजीव चौधरी, रमन चौधरी, शाहबुद्दीन, जमशेद और नईम ने मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। इनमें पुलिस ने मोनू, राजीव, रमन व शाहबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि जमशेद व नईम अभी फरार हैं। गिरफ्तार चारों आरोपियों ने जुर्म भी स्वीकार कर लिया है, जिसकी पुलिस के पास वीडियो रिकॉर्डिंग भी है।

कांठ थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुज्जर गांव निवासी मोनू विश्नोई जो अपने आपको विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार विभाग का जिला प्रमुख बताता है और वर्ष 2011 से संगठन से जुड़ा है। छजलैट थाने के गांव चक पचोकरा के राजीव चौधरी के पास विहिप में कांठ तहसील क्षेत्र के प्रखंड अध्यक्ष का दायित्व है। छजलैट के खानपुर का रमन चौधरी विहिप में अपने को कार्यकारी सदस्य बताता है। इन तीनों नेताओं ने चेतरामपुर के शाहबुद्दीन से मिलकर घटना का तानाबाना बुना था। पहले इन लोगों ने 16 जनवरी को समदपुर चौराहा के पास कांवड़ पथ पर मवेशी के अवशेष रखवाए। थानाध्यक्ष पर आरोप लगाकर प्रदर्शन किया। 28 जनवरी को फिर कथित नेताओं के कहने पर शाहबुद्दीन व जमशेद ने चेतरामपुर में विमला देवी पत्नी सुरेश की रात में गाय चोरी की और गोकशी कराई। तहसील कांठ और थाने का घेराव किया।

एसएसपी ने बताई गोकशी की वजह
एसएसपी ने बताया कि 15 दिन पहले करीब 32 भैंसा पकड़े गए थे। जिन्हें थानाध्यक्ष से दबाव बनाकर माेनू विश्नोई अपने कार्यकर्ताओं के सुपुर्द करने को कह रहा था। लेकिन, थानाध्यक्ष ने वह मवेशी अन्य के सुपुर्द कर दिए थे। मोनू थानाध्यक्ष पर गोकशी व अन्य अनैतिक कार्य कराने का दबाव बनाता था। इन मामलों में थानाध्यक्ष की सहमति न मिलने से वह उन्हें थाने से हटवाने के लिए साजिश रच रहा था। उधर, शाहबुद्दीन भी अपने भाई रुकसाद की मृत्यु में अपने गांव चेतरामपुर के महमूद से रंजिश रखता है। शाहबुद्दीन महमूद को फंसाना चाहता था, इसलिए उसने 28 जनवरी के दिन हुई गोकशी घटनास्थल पर औजार और एक लोवर की जेब में पर्स रख दिया था। इस पर्स में मिला फोटो व मोबाइल नंबर महमूद का था।

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