हाईकोर्ट ने 'पूजा' के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका को स्वीकार करने से किया इनकार

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज।  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने (व्यास तहखाना के नाम से जाना जाता है) में होने वाली पूजा पर अंतरिम रोक लगाने की मांग वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है।

तहखाने के अंदर पूजा 31 जनवरी को शुरू हुई, जिसके तुरंत बाद वाराणसी जिला जज ने आदेश पारित कर जिला मजिस्ट्रेट को उचित व्यवस्था करके क्षेत्र के अंदर पूजा की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने उसी दिन आदेश का अनुपालन करा दिया।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (जो ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) द्वारा गुरुवार को अपील दायर की गई, जिसमें वाराणसी जिला न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद (व्यास जी का तहखाना) के दक्षिणी तहखाने में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई थी।

समिति ने पूजा अनुष्ठान पर रोक लगाने की भी मांग की, लेकिन न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए मस्जिद समिति को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, क्योंकि मुस्लिम पक्षी ने इस बात पर जोर दिया कि उसने वाराणसी जिला जज के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी।

जिसमें जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त किया गया था। कोर्ट ने उसे अपनी अपील में संशोधन करने के लिए 6 फरवरी तक का समय दिया और मुकदमे की अगली सुनवाई तक महाअधिवक्ता अजय मिश्रा ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि जिला मजिस्ट्रेट क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखेंगे।

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