Etawah: परिजनों की साढ़े तीन साल की मेहनत के बाद खुला जांच का पन्ना... मृतका की मां बोली- हत्यारोपियों को मिले कड़ी सजा

इटावा में परिजनों की साढे तीन साल की मेहनत के बाद खुला जांच का पन्ना।

Etawah: परिजनों की साढ़े तीन साल की मेहनत के बाद खुला जांच का पन्ना... मृतका की मां बोली- हत्यारोपियों को मिले कड़ी सजा

इटावा के जसवंतनगर इलाके के चक सलेमपुर गांव की एक युवती का कंकाल करीब साढ़े तीन साल पूर्व गांव के पास एक खेत से बरामद हुआ था। परिजनों ने उसकी शिनाख्त के बाद कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

इटावा, अमृत विचार। जिले के जसवंतनगर इलाके के चक सलेमपुर गांव की एक युवती का कंकाल करीब साढ़े तीन साल पूर्व गांव के पास एक खेत से बरामद हुआ था। परिजनों ने उसकी शिनाख्त के बाद कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। लेकिन सही शिनाख्त न होने के बाद उसे डीएनए टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा गया, लेकिन वहां से निगेटिव रिपोर्ट आ गई। 

लेकिन परिजनों ने हार नही मानी उन्होने फिर से जांच कराने को कहा। बाद में डीएनए जांच के लिए हैदराबाद भेजा गया जहां से रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कंकाल उसके परिजनों को सौंप कर उसका अंतिम संस्कार कराया गया। रिपोर्ट आने के बाद से पुलिस ने फिर से जांच शुरू कर दी है।  

जसवंतनगर के चक सलेमपुर गांव निवासी रीता (22) वर्ष  19 सितंबर 2020 को लापता हो गई थी। सात दिन बाद उसके रिश्ते वाले शादी तय करने वाले आने थे। सात दिन बाद 26 सितंबर को युवती के घर से 300 मीटर दूर बाजरे के खेत में एक शव के हाथ-पैर और पसलियां लोगों को मिलीं, लेकिन सिर का हिस्सा गायब था। 

Murder 1

आशंका जताई गई थी कि कोई केमिकल डालकर शव को जलाया गया है। वहीं, कंकाल मिलने की जानकारी पर गांव के लोगों के साथ रीता के परिवार वाले भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने अस्थि पंजर के पास से बरामद हुई चप्पल, दुपट्टा, हेयर क्लिप समेत अन्य सामानों के जरिए कंकाल को अपनी बेटी रीता का बताया।

इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद अस्थि पंजर को पुलिस ने रीता के परिजनों के सुपुर्द नहीं किया और डीएनए की जांच के लिए भेज दिया गया। 

इसी बीच परिजनों ने कई लोगों पर हत्या का शक जाहिर करते हुए गांव के ही एक परिवार के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन शव की पहचान न होने की बात कहते हुए पुलिस ने 29 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की न परिजनों के सुपुर्द किया। 

रीता की मां भगवान देवी ने बेटी के हत्यारोपियों और कंकाल की मांग के लिए कोर्ट की शरण ली, मुकदमा चला। घटना के करीब 29 माह बाद हाईकोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। इसी बीच 26 मार्च 2022 को डीएनए की रिपोर्ट भी आ गई, जिसमें स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।

इस पर 18 अगस्त 2022 को नमूना लेकर फिर जांच के लिए भेजा गया। इसकी रिपोर्ट के इंतजार में ही लगभग 11 महीने बीत गए। 10 जुलाई 2023 को आई रिपोर्ट भी परिजनों से नहीं मिल सकी। उसके बाद डीएनए हैदराबाद अक्तूबर 2023 में जांच के लिए भेजा गया था, तो जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई। 

इसके लिए डीएम के निर्देश पर चार सदस्यीय टीम गठित की गई थी। इसमें एसडीएम दीपशिखा, तहसीलदार भूपेंद्र सिंह, थाना प्रभारी कपिल दुबे, क्राइम इंस्पेक्टर रमेश सिंह शामिल थे।

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