हरदोई: 'सफर आखिरी है...' हादसे का शिकार होने से कुछ ही देर पहले ही युवक ने बनाई थी Reel
हरदोई। कवि हेमंत श्रीमाल ने सही कहा कि'... क्षण-भंगुर यह उजियारा है, किरणों का सत्कार करो,जाने कब छल जाए उमरिया, पल दो पल को प्यार करो, खुशी-खुशी घर से निकला शिवानू ने 'सफर आखिरी है कोई उनसे कह दे...' पर रील बना कर उसने उसे वायरल किया, लेकिन उसके कुछ ही लम्हे बाद हुए सड़क हादसे में वही बोल सच साबित हुए और शिवानू का सफर आखिरी ही हो गया।
बताते चलें कि शुक्रवार को लोनार थाने के नागामऊ निवासी निवासी चन्द्र किशोर का 22 वर्षीय पुत्र शिवानू अपने गांव धर्मवीर पुत्र राजकुमार के साथ बाइक से निकला, धर्मवीर बाइक चला रहा था और पीछे बैठा शिवानू मोबाइल पर 'सफर आखिरी है कोई उनसे कह दे...' पर रील बना रहा था।
जैसा कि बताया गया है कि रील बनाने के बाद उसने उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी किया, फिर उसके बाद जगदीशपुर चौराहे पर एक तेज़ रफ्तार ट्रैक्टर ने उसकी बाइक में ज़ोरदार टक्कर मार दी, जिसमें शिवानू की मौत हो गई और धर्मवीर बुरी तरह ज़ख्मी हो गया।
लोग शिवानू की रील को एक दूसरे से शेयर भी नहीं कर पाए कि उसी बीच खबर आई कि शिवानू एक सड़क हादसे में बुरी तरह से ज़ख्मी हो गया, उसके लम्हे बाद पता चला कि आखिरी सफर की रील बनाने वाला शिवानू अपनी ज़िंदगी का आखिरी सफर तय कर चुका है।
शिवानू अपने दो भाइयों में सबसे छोटा था। जिस किसी ने भी हादसे में उसकी मौत होने की खबर सुनी,वही सन्न रह गया। वाकई किसी को उम्मीद नहीं थी कि अपने ही नहीं बल्कि दूसरों को तमाम ज़िंदगी हरा रहने वाला ज़ख्म देते हुए शिवानू ज़िंदगी के आखिरी सफर पर इस तरह कूच कर जाएगा।
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