बजट 2024-25: बाराबंकी के हाथ फिर लगी निराशा!, किसी योजना के लिए नहीं मिला 'धन'! जनपदवासी मायूस!
फिर अयोध्या और लखनऊ के बीच झूलता रह गया बाराबंकी, ना पर्यटन के प्रस्ताव को हरी झंडी न औद्योगिक निवेश के लिए ही बजट
बड़े पेड़ के नीचे छोटा पेड़ सूख जाता है ये कहावत ही जिले के लिए बार बार हो रही सच!
बाराबंकी। घोषणा तो थी बाराबंकी को नोएडा के तर्ज पर विकसित करने की। जिले को उद्योगों का हब बनाने की, विकास प्राधिकरण के भी गठन का प्रस्ताव था। दो औद्योगिक गलियारे भी प्रस्तावित थे। धार्मिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना थी। लेकिन सोमवार को जब उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया तो बाराबंकी का कोई जिक्र नहीं था। उन योजनाओं की भी चर्चा नहीं हुई जिसकी मुख्यमंत्री स्वयं घोषणा कर गए थे।
रामसनेहीघाट में राम कथा संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव काफी समय से विचाराधीन है। उम्मीद थी कि इस बार बजट में उसके लिए प्रावधान कर दिया जाएगा। बाराबंकी विकास प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव पिछले एक दशक से फाइलों में झूल रहा है। रामसनेहीघाट और हैदरगढ़ में औद्योगिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव है। जमीन चिन्हित की जा चुकी है। बजट में इसका भी जिक्र नहीं हुआ।
बजट में महादेवा कारिडोर की भी नहीं हुई चर्चा
महादेवा कॉरिडोर की भी चर्चा बजट में नहीं की गई। जिन जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रस्ताव है उनमें भी बाराबंकी शामिल नहीं दिखा। अटल विश्व आवासीय विद्यालय की श्रेणी में भी बाराबंकी का जिक्र नहीं है। पड़ोसी जिले अयोध्या और राजधानी लखनऊ के साथ-साथ गोंडा के विकास पर भी बजट में आवंटन किया गया। लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि बजट में जिले के लिए कोई भी प्रावधान करने में असफल रहे।
बुढ़वल चीनी मिल के लिए नहीं मिला बजट
रामनगर : बुढ़वल चीनी मिल का पुनर्निर्माण कर ऐसे चलाने की घोषणा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने खुद की थी। 40 करोड रुपए आवंटित होने की जनप्रतिनिधियों ने फर्जी दावे भी किया। जन सूचना के जरिए जब इस सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की गई तो पता चला कि सारे दावे फर्जी थे। उम्मीद थी कि इस बार बजट में जरूर इसके लिए प्रावधान किया जाएगा। लेकिन जिले के किसानों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगी।
सीएम बोले थे- बुढ़वल की चीनी मिल से निकलेगा धुआं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव 2017 में बुढ़वल चीनी मिल शुरू कराने का वादे पर खरे नहीं उतर पाए। लेकिन पुनः विधानसभा चुनाव 2022 में चुनावी जनसभा के दौरान वादा किया था कि भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार बनते ही बुढ़वल चीनी मिल की चिमनी से धुआं निकलेगा। इसके बाद 2023 के बजट में चीनी मिल शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 करोड़ की राशि मुहैया करा दी थी, धनराशि मिलते ही एसडीएम रामनगर की ओर से चीनी मिल की जमीनों से अवैध कब्जा हटवाकर जमीन सुरक्षित कर ली गई। यह देख साथ ही चारों तरफ लोहे के एंगल लगाकर तारों से बैरिकेडिंग भी कर दी गई।
कार्य देख किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर छा गई। मिल की भूमि सुरक्षित करने के बाद इसके बाद कार्य ठप हो गया। जब अनुपूरक बजट में पास किए गए 80 करोड़ की मिल संबंधित कई जानकारी सोशल एक्टिविस्ट ने जनसूचना के अधिकार में मांगी तो इसका कोई भी बजट न मिलने का जवाब दिया गया। अब जबकि लोकसभा चुनाव निकट है तो भाजपा को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।

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