रामपुर: नूरमहल में नवेद मियां से मिलने पहुंचे ऑस्ट्रेलियाई लेखक जुब्रजीकी
रामपुर रियासत के इतिहास, परम्पराओं और कला–संस्कृति को समझने आए ऑस्ट्रेलियाई लेखक, पूर्व सांसद बेगमन नूरबानो को उनके पिता द्वारा दहेज में बहुमूल्य पांडुलिपियां और पुस्तकें देने को सराहा
नूर महल में ऑस्ट्रेलियाई लेखक जॉन ज़ुब्रज़ीकी के साथ पूर्व मंत्री नवेद मियां, काशिफ खान और राजा खां।
रामपुर, अमृत विचार। ऑस्ट्रेलियाई लेखक जॉन जुब्रजीकी रामपुर रियासत का इतिहास, परम्पराओं और कला–संस्कृति को समझने के लिए रामपुर पहुंचे। रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के पौत्र व पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां से नूरमहल में उनकी लंबी चर्चा हुई। उन्होंने रजा लाइब्रेरी सहित कई धरोहरें भी देखीं।
जॉन जुब्रजीकी ऑस्ट्रेलियाई लेखक हैं, जिन्होंने न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय से भारतीय इतिहास में पीएचडी की है। उन्होंने नई दिल्ली और जकार्ता में बतौर राजनयिक भी काम किया है। बृहस्पतिवार को नूर महल में पूर्व मंत्री नवेद मियां ने उनका स्वागत किया। भारतीय राजघरानों में विशेष रुचि रखने वाले ऑस्ट्रेलियाई लेखक ने रामपुर रिसायत की स्थापना से लेकर भारतीय गणराज्य में विलय तक से जुड़ी हर बात को समझा। ऑस्ट्रेलियाई लेखक ने रामपुर के अलावा अन्य मुस्लिम रियासतों के बारे में भी नवेद मियां से जानकारी हासिल की।
ऑस्ट्रेलियाई लेखक ने रजा लाइब्रेरी में मौजूद बहुमूल्य पांडुलिपियों की प्रशंसा की। पूर्व सांसद बेगम नूरबानो को दहेज में उनके पिता नवाब लुहारू द्वारा हजारों पुस्तकें और बहुमूल्य पांडुलिपियां दिए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने गांधी समाधि समेत कई ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि रामपुर को टूरिज्म मैप पर लाया जाना चाहिए। इस मौके पर पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खान और माजिद खां उर्फ राजा खां भी मौजूद रहे।
लोहारू कलेक्शन पर फिदा हुए जॉन जुब्रजीकी
जॉन जुब्रजीकी ने कुछ दिन पूर्व जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में भी हिस्सा लिया था। इस महोत्सव में बहु–पुरुस्कार विजेता अनुवादक, लेखिका और साहित्यिक इतिहासकार डॉ. रख्शंदा जलील की पुस्तक द लोहारू लैगेंसी का विमोचन भी हुआ। नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के मामू पूर्व मंत्री नवाबजादा एमादुद्दीन अहमद खान उर्फ दुर्रु मियां से भी यहां उनकी मुलाकात हुई। लोहारू रियासत के इतिहास से वो बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने फिर रामपुर आने के लिए कहा है।
कई चर्चित पुस्तकों के लेखक हैं जॉन जुब्रजीकी
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खान ने बताया कि जॉन जुब्रजीकी कई चर्चित पुस्तकों के लेखक हैं। उन्होंने द लास्ट निजाम: एन इंडियन प्रिंस इन द ऑस्ट्रेलियन आउटबैक, द शॉर्टेस्ट हिस्ट्री ऑफ इंडिया, द मिस्टीरियस मिस्टर जैकब, जादूवालाज़ बाजीगर एंड जिन्स, डेथरोंड : द डाउनफॉल ऑफ इण्डियाज प्रिंसली स्टेट्स, द हाउस ऑफ जयपुर, नो टाइम ऑफ प्लक एन आईब्रो समेत कई मशहूर पुस्तकें लिखी हैं।
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