नैनीताल: हाई कोर्ट ने पूछा, सरकार बताए अवैध खनन की शिकायतों पर क्या किया

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाई कोर्ट ने पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव मे खनन सामग्री को लाने व ले जाने के लिए पट्टाधारक द्वारा अवैध रूप से सड़क निर्माण करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने जनहित याचिका के क्षेत्र को विस्तृत करते हुए राज्य सरकार से कहा है कि प्रदेश में जहां-जहां अवैध खनन हो रहा है, उन शिकायतों पर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। इस सम्बन्ध में छः सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जवाब पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 22 मई की तिथि नियत की है। 

मामले के अनुसार पिथौरागढ़ के कानड़ी गांव निवासी नीमा वल्दिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके गांव में नदी के किनारे सरकार ने खनन हेतु 2022 में पट्टा लीज पर दिया था। शुरू में पट्टाधारक ने मजदूर लगाकर खनन कार्य किया। बाद में खनन समाग्री को लाने व ले जाने के लिए उसने बिना अनुमति के वहां सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया। सड़क निर्माण के दौरान पट्टाधारक ने 100 से अधिक खैर व साल के पेड़ काट दिए।

जब ग्राम वासियों ने इसका विरोध किया तो कुछ समय के लिए उसने सड़क निर्माण का कार्य बंद कर दिया। विरोध के शांत होते ही उसने फिर से सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया। जिला प्रसाशन ने भी उनकी शिकायत पर कोई निर्णय नही लिया। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि अवैध रूप से बन रही सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए।

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