बरेली: अतिक्रमणकारियों का कब्जा बरकरार, ऊपर तक पहुंच...नोटिस के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
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फोटो- नाले की नगर निगम की टीम ने मशीन से सफाई करवाई।
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बरेली, अमृत विचार: अतिक्रमण पर नगर निगम के अफसरों का नजरिया अलग-अलग है। कुछ अतिक्रमणकारियों की पहुंच ऊपर तक है, इसलिए नगर निगम उन्हें नोटिस देने के अलावा कुछ नहीं पाता। नोटिस भी तब जारी किए जाते हैं, जब प्रभावित लोगों का गुस्सा भड़कने लगता है। सिकलापुर में भी नाले पर किया गया अतिक्रमण नोटिस देने के बावजूद हट नहीं पा रहा है। अतिक्रमण हटाने के बजाय यहां सीवर के चैंबर बंद कर दिए गए हैं जिसकी वजह से सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है।
सिकलापुर के मुख्य मार्ग पर फर्नीचर के बड़े शोरूम हैं। आरोप है कि ये शोरूम नाले की जमीन पर कब्जा करके बनाए गए हैं। नगर निगम इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए कई बार नोटिस भी जारी कर चुका है लेकिन नोटिस में दी गई मोहलत गुजरने के काफी समय बाद भी न कब्जे हटे हैं न कार्रवाई हुई है। लगातार कब्जों की वजह से नाले की चौड़ाई कम हो गई है और उसमें पानी का बहाव रुकने लगा है। नाले में भरी पॉलिथीन ने दिक्कत और बढ़ा दी है। इसके बावजूद अतिक्रमण की वजह से सफाई नहीं हो पा रही है।
दूसरी तरफ भी अतिक्रमण की वजह से 10 फुट चौड़ा नाला नाली में तब्दील हो गया है। अफसर यह तक देखने को तैयार नहीं हैं कि नाले की चौड़ाई कागजों में कितनी है और मौके पर कितनी। साल में एक बार नाले की सफाई पर लाखों फूंक दिए जाते हैं लेकिन कोई असर नहीं पड़ता। उधर, फर्नीचर शोरूम के मालिक का दावा है कि नाले पर कोई अतिक्रमण नहीं है। गेट भी उन्होंने अपनी जगह पर लगाया है।
पार्षद बिगड़े, अतिक्रमण की वजह से फिर भी नहीं हो पाई नाले की सफाई
सिकलापुर में धर्मशाला रोड पर नाली का पानी भरा है। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। बुधवार को लोगों की मौजूदगी में पार्षद की अफसरों से नोकझोंक के बाद बृहस्पतिवार को नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की टीम नाले की सफाई करने पहुंची लेकिन सिर्फ खानापूरी करके लौट गई।
अतिक्रमण की वजह से ठीक से सफाई नहीं हो पाई। इससे लोगों में गुस्सा और बढ़ गया है। उनका कहना है कि पहले अतिक्रमण को हटाकर नाले को वास्तविक चौड़ाई में लाने की जरूरत है, तभी सफाई के बाद जलभराव की समस्या हल हो पाएगी।
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