लखनऊ: राजधानी के चिड़ियाघर में जानवरों की जान खतरे में!, अधिकारियों ने साधी चुप्पी, जानिए क्या है मामला?

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Published By Sachin Sharma
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लखनऊ, अमृत विचार। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के जानवरों की जान और उनकी सुरक्षा खतरे में है। उद्यान में पॉलीथिन में खानें पीने के सामान से लेकर खिलौनों की बिक्री धडल्ले से की जा रही है। बच्चे पॉलीथिन और खिलौने जानवरों के बाड़े तक लेकर पहुंच रहे हैं। जबकि चिड़ियाघर में दर्शकों का पॉलीथिन ले जाना वर्जित है।

यहां घूमने आने वाले दर्शकों से गेट पर ही पॉलीथिन में बंद सामानो को अंदर ले जाने से रोक दिया जाता है। उन्हें कागज के पैकेट थमा कर प्रवेश दिया जाता है। वही दूसरी तरफ परिसर मे ही प्लास्टिक के सामानों की बिक्री की जा रही है। मुख्य द्वार के निकट ही खुली इस दुकान पर बच्चों की जिद से मजबूर अभिवावक पॉलीथिनों मे पैक खिलाैनों को खरीदने पर मजबूर है। वे खिलौने के साथ चिड़ियाघर की सैर करते हैं। इस दौरान खिलौने को बाहर निकाल कर पॉलीथिन को चिड़ियाघर परिसर में ही फेंक देते हैं । उड़ती हुई पॉलीथिन जानवरों के बाड़ों तक पहुंच रही हैं।

निजी लाभ के लिए खुलवा दी दुकान

विभागीय कर्मचारियों के अनुसार चिड़ियाघर के कुछ अधिकारी अपने फायदे के लिए परिसर के अंदर प्लास्टिक के खिलौनों की दुकान ही खुलवा दी है। जहां धडल्ले से पॉलीथिन में बंद खिलौनों की बिक्री से उनकी जेबें भी भर रही है।

मेन गेट पर होती है जांच

चिड़ियाघर में प्लास्टिक का सामान ले जाना प्रतिबंधित है। कोई दर्शक प्लास्टिक के साथ मिलता है तो उसे जुर्माना वसूला जाता है। इतना ही नहीं जानवरों की सुरक्षा को देखते हुए दर्शकों के बैग की जांच मुख्य द्वार पर की जाती है। जिससे कि वह अपने साथ पॉलीथिन अंदर ना ले जा सके।

पॉलीथिन परिसर मे पूरी तरह प्रतिबंधित है। हार्ड प्लास्टिक के खिलौने जानवरों के बाड़े तक ना पहुंचे इसके लिए कीपर सहित कर्मचारी चेकिंग भी करते है। फिर भी अगर कोई दर्शक ऐसा करता हुआ पाया जायेगा, तो उससे जुर्माना वसूलने के साथ कार्रवाई भी की जायेगी।

                                                                             अदिति शर्मा, निर्देशक नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान

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