देवदत्त पडिक्कल ने स्वास्थ्य समस्याओं से उबरकर टेस्ट पदार्पण का तय किया सफर

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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बेंगलुरू। देवदत्त पडिक्कल गुरुवार को पदार्पण करते हुए रविचंद्रन अश्विन से भारत की टेस्ट कैप लेते समय काफी मुस्कुराए और इस 23 वर्षीय खिलाड़ी की खुशी ने यहां तक पहुंचने के लिए पिछले दो वर्षों के उनके संघर्ष को छिपा दिया। श्रीलंका के खिलाफ 2021 में टी20 अंतरराष्ट्रीय के साथ भारत के लिए पदार्पण करने के बाद पडिक्कल के करियर का ग्राफ कोविड-19 संक्रमण और पेट से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उम्मीद के मुताबिक ऊपर नहीं गया। 

शुरुआती वर्षों में पडिक्कल को कोचिंग देने वाले इरफान सैत ने बताया, ‘उन दो वर्षों (2021 से 2023 की शुरुआत तक) में वह फिट और स्वस्थ रहने के लिए संघर्ष कर रहा था। उसका वजन भी कम हो रहा था। वह पेट की बीमारी से लगातार परेशान रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एक-दूसरे से फोन पर बात करते रहे और संयोग से मैं भी इसी स्थिति का सामना कर रहा था। हम एक-दूसरे के जाने बिना जैन अस्पताल में एक ही डॉक्टर से सलाह ले रहे थे।’’ पडिक्कल हालांकि बाधाओं से पार पाने को लेकर हमेशा प्रतिबद्ध रहे हैं। कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिकेट (केआईओसी) के संस्थापक सैत ने कहा, ‘‘मैं देवदत्त को 11 साल की उम्र से जानता हूं जब वह क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए हैदराबाद से बेंगलुरू आया था। वह दृढ़ संकल्प वाला बच्चा था और बीमारी ने भी कुछ नहीं बदला।

उन्होंने कहा, उसने 2023 सत्र से पहले अपनी फिटनेस और खानपान पर कड़ी मेहनत की क्योंकि वह उस स्थान पर वापस जाना चाहता था जहां 2020-21 में था। मेहनत बेकार नहीं गई और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2023-24 सत्र में सभी प्रारूपों में कर्नाटक के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने सत्र की शुरुआत में पांच टी20 में 119 रन बनाए लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में इससे बेहतर प्रदर्शन किया। पडिक्कल विजय हजारे ट्रॉफी में पांच मैच में दो शतक और तीन अर्द्धशतक से 465 रन बनाकर कर्नाटक के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उस टूर्नामेंट में उनका औसत 155 था और उन्होंने 120.46 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। वह रणजी ट्रॉफी में अपने असली रंग में आ गए। 

राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण वह सिर्फ चार मैच ही खेल सके लेकिन 556 रन बनाकर राज्य के लिए शीर्ष स्कोरर रहे। उनका औसत 92.66 रहा। उन्होंने तीन शतक लगाए जिसमें पंजाब के खिलाफ 193 रन की सत्र की सर्वोच्च पारी भी शामिल है। अहमदाबाद में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भारत ए के लिए 105 रन और चेन्नई में तमिलनाडु के खिलाफ 151 रन की पारी ने चीजें उनके पक्ष में कीं। तमिलनाडु के खिलाफ उनकी पारी देखने के लिए मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर व्यक्तिगत रूप से मौजूद थे। 

उन्होंने कहा, एक बार जब लोकेश राहुल फिटनेस परीक्षण (इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले) पास नहीं कर पाए तो भारत को एक विकल्प की आवश्यकता थी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘‘राहुल द्रविड़ और अजीत अगरकर ने एक संक्षिप्त चर्चा की। अगरकर चेन्नई की पारी के बाद देवदत्त से काफी प्रभावित हुए और उनके नाम की सिफारिश की।’’ सैत को भरोसा है कि पडिक्कल इस मौके का पूरा फायदा उठाएंगे। 

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