चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया मंजूर

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Published By Vishal Singh
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नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया।

गोयल का कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद वह अगले साल फरवरी में संभवत: सीईसी का पदभार संभालते। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावी हो गया।

हालांकि, तत्काल यह पता नहीं चला पाया है कि गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया? सेवानिवृत्त नौकरशाह गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे। वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे। फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर बने नए कानून के अनुसार, कानून मंत्री की अध्यक्षता में दो केंद्रीय सचिवों वाली एक खोज समिति पांच नामों का चयन करेगी। फिर एक चयन समिति नाम को अंतिम रूप देगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में उनके (प्रधानमंत्री) द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता या सदन में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अशोक लवासा ने अगस्त 2020 में चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले लोकसभा चुनावों में आचार संहिता उल्लंघन संबंधी निर्णयों पर असहमति जताई थी।

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