टनकपुर: पूर्णागिरि धाम में हनुमान चट्टी से काली मंदिर तक रोप-वे का निर्माण शुरू, दस मिनट में पूरी होगी सवा घंटे की दूरी
टनकपुर, देवेंद्र चंद्र देवा, अमृत विचार। सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में रज्जुमार्ग (रोप-वे) का निर्माण शुरू हो गया है। हनुमान चट्टी से काली मंदिर तक पीपीपी मोड में बन रहे करीब 920 मीटर लंबे इस रोप-वे का कार्य 15 मई 2015 तक पूरा होगा। देश के पहले बाईकेबल रोप-वे से एक बार में 65 श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे।
टनकपुर से करीब 22 किलोमीटर दूर मां पूर्णागिरि धाम में हर साल 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं। भैरव मंदिर से साढ़े तीन किलोमीटर दूर मुख्य मंदिर तक श्रद्धालुओं को पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। जिसमें करीब सवा घंटे से अधिक समय लगता है। लेकिन अब रोप-पे के बनने से यात्रा बेहद आसान हो जाएगी।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ के अनुसार पूर्णागिरि रोप-पे कंपनी ने रज्जुमार्ग का काम शुरू कर दिया है। बताया कि रोप-वे का निर्माण हनुमान चट्टी से काली मंदिर तक किया जा रहा है। इससे एक बार में 65 श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए जा पाएंगे। मंदिर पहुंचने में मात्र 10 मिनट का समय लगेगा।
बता दें कि रोपवे स्थल के शुरुआती बिंदु हनुमान चट्टी से भैरव मंदिर के बीच करीब 2.300 किलोमीटर का फासला है। यानी 5.300 किलोमीटर की इस दूरी के सफर में सवा घंटे से अधिक समय लगता है। रोप-वे का निर्माण होने से श्रद्धालुओं को पैदल फासला तय नहीं करना होगा। इससे बुजुर्ग, बच्चे, दिव्यांग और महिलाएं मां पूर्णागिरि के दर्शन आसानी से कर सकेंगे।
रज्जुमार्ग में यह है खास
- दो ट्रॉली केबिन में एक घंटे में 800 यात्रियों की आवाजाही होगी।
- एक ट्रॉली केबिन में ऑपरेटर के अलावा 65 यात्री एक साथ आवाजाही कर सकेंगे।
- दस मिनट में पूरा होगा रज्जुमार्ग का सफर।
- सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा।
पूर्णागिरि रोप-पे का काम शुरू हो गया है। निर्माण सामग्री को एकत्र करने के साथ काली मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है। वजनदार उपकरण व अन्य सामग्री को पहुंचाने के लिए मटेरियल रोप-पे का निर्माण कराया जा रहा है। रोप-वे का निर्माण 15 मई 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- कमांडर आलोक शर्मा, निदेशक, पूर्णगिरि रोपवे प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली
