बरेली: शक के आधार पर सेंट्रल जेल के तीन वार्डन निलंबित, शूटर आसिफ खान ने बनाया था लाइव वीडियो

शूटर आसिफ खान की बैरक के पास आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में रहती थी तीनों वार्डन की ड्यूटी

बरेली: शक के आधार पर सेंट्रल जेल के तीन वार्डन निलंबित, शूटर आसिफ खान ने बनाया था लाइव वीडियो

बरेली, अमृत विचार। सेंट्रल जेल में बंद शूटर आसिफ खान के मोबाइल फोन पर वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले में तीन वार्डन को शक के आधार पर सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। डीजी जेल के निर्देश पर जांच करने पहुंचे डीआईजी कुंतल किशोर ने फिलहाल सेंट्रल जेल में ही डेरा डाल रखा है। जांच का फोकस अब इस बात पर है कि शूटर आसिफ को मोबाइल फोन मुहैया कराने में कहीं किसी उच्चाधिकारी की भूमिका तो नहीं थी।

निलंबित किए गए वार्डनों में रविशंकर द्विवेदी, हंस जिवो शर्मा और गोपाल पांडे शामिल हैं। तीनों की आसिफ खान के बैरक के पास आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी रहती थी। प्रारंभिक तौर पर माना गया है कि इन तीनों वार्डन ने अगर पूरी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी की होती तो शूटर आसिफ खान तक मोबाइल फोन पहुंचना संभव नहीं होता। यह भी कहा जा रहा है कि तीनों में किसी न किसी की आसिफ खान से साठगांठ भी हो सकती है। हालांकि किसी भी वार्डन के खिलाफ जांच में अभी कोई स्पष्ट सुबूत नहीं मिला है। इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि जांच अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।

जांच के लिए तीन-चार दिन और रुकेंगे डीआईजी
डीजी जेल के निर्देश पर डीआईजी कुंतल किशोर बृहस्पतिवार को ही सेंट्रल जेल पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि वह तीन-चार यहीं रहकर जांच करेंगे। इस बीच उन्होंने जेल में कई बंदियों, सिपाहियों और डिप्टी जेलरों के भी बयान दर्ज किए हैं। जिस मोबाइल फोन पर आसिफ ने वीडियो शूट किया था, उसे भी अब तक बरामद नहीं किया जा सका है। उधर, आसिफ खान के वीडियो के साथ जेल की सीसीटीवी फुटेज को भी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है।

अफसर महंगे उपहारों के मुरीद और कर्मचारी ऊपरी कमाई के, इसीलिए जेल अपराधियों के लिए स्वर्ग
शाहजहांपुर के पीडब्ल्यूडी ठेकेदार राकेश यादव की हत्या के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद शूटर आसिफ खान ने इंस्टाग्राम पर अपलोड लाइव वीडियो में स्वर्ग में होने का जो दावा किया था, वह गलत नहीं था। माफिया अशरफ को जेल में सारी सुख-सुविधाएं मुहैया कराए जाने के बाद एक बार फिर साबित हुआ कि पैसा खर्च करने वाले बंदियों के लिए जेल जेल नहीं, स्वर्ग ही है। अशरफ के मामले में जांच के दौरान काफी कुछ साफ हुआ था कि वह अफसरों को महंगे उपहार देने के साथ कर्मचारियों को पैसा देता था। अब आसिफ खान के वीडियो से फिर साबित हुआ है कि भ्रष्टाचार में घिरे जेल के सिस्टम पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

दो जेलर से स्पष्टीकरण
बरेली सेंट्रल जेल में बंद हत्यारोपी शूटर आसिफ खान के सोशल मीडिया पर लाइव आने के मामले में जेल डीआईजी कुंतल किशोर ने दो जेलरों से स्पष्टीकरण मांगते हुए एक डिप्टी जेलर को जेल मुख्यालय से अटैच किया है। साथ ही मामले में अब जांच और तेज कर दी है। प्राथमिक जांच में जहां जेल वार्डन रविशंकर द्विवेदी, हंश जिवो शर्मा और गोपाल पांडे की लापरवाही सामने आई। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ जेलर विजय राज और निरज कुमार से पूरे प्रकरण में स्पष्टी करण मांगा है। जबकि, डिप्टी जेलर विशंत सिंह वल्दिया को जेल मुख्यालय से अटैच किया गया है। डीआईजी जेल का मानना है कि अगर जेल वार्डनों की गलती है तो इनमें इन अधिकारियों की भी लापरवाही कहीं न कहीं सामने आती है।

प्रारंभिक जांच में लापरवाही पाए जानेपर तीन जेल वार्डनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। बंदी और अधिकारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वीडियो और सीसीटीवी फुटेज को जांच के लिए भेजा है- कुंतल किशोर, डीआईजी जेल।

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