बरेली: पिता-पुत्रों समेत चार को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने ग्रामीण की हत्या मामले में सुनाया फैसला

बरेली: पिता-पुत्रों समेत चार को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने ग्रामीण की हत्या मामले में सुनाया फैसला

बरेली, अमृत विचार: शाही में 14 साल पहले ग्रामीण को शराब पिलाने के बहाने ले जाकर हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने गांव ठिरिया कल्याणपुर निवासी भागीरथ, नत्थूलाल और उसके दो पुत्र महेशपाल, मदारी उर्फ वेदप्रकाश को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने प्रत्येक को 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की आधी रकम मृतक दोदीराम के वारिस को बतौर मुआवजा मिलेगी।

सरकारी वकील दिगम्बर पटेल ने बताया कि वादी धर्मपाल ने थाना शाही में तहरीर देकर बताया था कि उनके भाई सत्यपाल से नत्थूलाल का 27 जून 2010 को धनेली की फैक्ट्री पर झगड़ा हुआ था। इस बात का उनके पिता दोदीराम को पता चला तो पिता ने विरोध किया। इस पर नत्थूलाल ने देख लेने की धमकी दी थी। उनके पिता को 2 जुलाई 2010 को शाम को भागीरथ शराब पीने के बहाने घर से बुलाकर ले गया था। 

उसके बाद से पिता घर नहीं पहुंचे। 3 जुलाई 2010 को गांव वालों से पता चला कि लाश बाग में पड़ी है। उनके भाई सत्यपाल ने बताया था कि उसने पिता को भागीरथ, नत्थूलाल, महेश, मदारी के साथ बगीचे में देखा था। इन्हीं लोगों ने मारा है। दोदीराम के पोस्टमार्टम में आया था कि सिर पर लाठी-डंडे से वार किया गया और अंडकोष प्लास्टिक की रस्सी से कस कर बंधा था। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट भेजा था। शासकीय अधिवक्ता ने सात गवाह पेश किये थे।

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