मुरादाबाद : सुमित को वापस मिले 50,000 रुपये, प्रमाणपत्र पाकर कहा- थैंक्यू सर!
एनीडेस्क एप्लीकेशन इंस्टॉल करने पर सुमित के खाते से चोरी हो गए थे रुपये, एसपी क्राइम ने कहा- अपरिचित को न दें बैंक खाते से जुड़ी कोई जानकारी
मुरादाबाद, अमृत विचार। पुलिस लाइन स्थित साइबर क्राइम सेल ने ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए ग्रामीण के 50,000 रुपये वापस कराने में सफलता पाई है। छजलैट निवासी सुमित कुमार के पास अनजान नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने उनके मोबाइल में एनीडेस्क एप्लीकेशन इंस्टॉल करा दिया था। बाद में उसकी मदद से आरोपी ने सुमित के खाते से 50,000 रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए थे।
ठगी की शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम सेल की टीम ने जांच पड़ताल कर बैंक और गेटवे कंपनी से संपर्क साध कर मंगलवार को सुमित के 50,000 रुपये वापस करा दिए हैं। अपनी रकम वापस पाकर सुमित ने एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार से मिलकर एसएसपी हेमराज मीना समेत पुलिस टीम का आभार जताया।
साइबर क्राइम सेल के नोडल अधिकारी सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि साइबर क्राइम से बचने के लिए जरूरी है कि अपरिचित यदि आप से कॉल पर आपके व बैंक विवरण के बारे में जानकारी ले रहा है तो कतई न दें, न ही ओटीपी आदि बताएं। कोशिश रहे कि यदि आप ठगी का शिकार हो गए हैं तो जितनी जल्दी हो आप पुलिस लाइन में स्थित साइबर क्राइम सेल में आकर सूचित करें। इससे आपके खाते से चोरी होने वाले रुपयों को वापस या होल्ड कराने में आसानी रहती है। वैसे अभी तक जो केस आए हैं, अधिकांश में साइबर क्राइम सेल धनराशि की रिकवरी या पैसा होल्ड कराने में सफल हुई है।
दूसरी तरफ, साइबर क्राइम सेल के प्रभारी मनोज सिंह बताते हैं कि इन दोनों साइबर ठग अपने को पुलिसकर्मी बताकर ठगी कर रहे हैं। इस तरह के कई मामले भी सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि ठगी का शिकार हुए लोगों ने उन्हें बताया है कि कॉल करने वाले ने अपने काे पुलिसकर्मी बताया और परिवार के किसी सदस्य को अपराध में पकड़ा जाना बताकर सुविधा शुल्क के नाम पर ठग लिया। देखने में आ रहा है कि इस तरह आम लोग ही नहीं विशेषजन भी साइबर ठगी का शिकार हो जा रहे हैं।
