शाहजहांपुर: होली पर निकाला जाता है लाट साहब का जुलूस, कोतवाल देता है सलामी और इनाम

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Published By Moazzam Beg
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शाहजहांपुर, अमृत विचार। जिस तरह से मथुरा की लठ्ठमार होली मशहूर है, वैसे ही शाहजहांपुर की होली भी मशहूर है। यहां होली वाले दिन लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस में हजारों की संख्या में हुड़दंगी शामिल होते हैं। भैंसा गाड़ी पर बैठे लाट साहब का स्वागत जूतों और झाड़ूओं से किया जाता है। 

चौक कोतवाली क्षेत्र में सरौंदी बंगला से शुरू होने वाला बड़े लाट साहब का जुलूस कोतवाली पहुंचता है, जहां कोतवाल लाट साहब को सलामी देता है और इनाम में नगदी और शराब की बोतल दी जाती है। इसके बाद जुलूस आगे बढ़ता है। 

वहीं छोटे लाट साहब का जुलूस सरायकाइयां से निकाला जाता है। होली वाले दिन इन दोनों जुलूसों को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती होती है। दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थलों को पूरी तरह से तिरपाल से ढक दिया जाता है, ताकि होली की मस्ती रंग से रंगे हुरियारे इन धार्मिक स्थलों पर रंग न डाल दें। 

हालांकि जुलूस निकालने से काफी पहले दोनों पक्षों को बुलाकर कई दौर में शांति कमेटी की बैठक भी की जाती है, ताकि होली पर किसी तरह का माहौल न बिगड़े। शाहजहांपुर में होली के दिन लाट साहब का जुलूस निकाले जाने की परम्परा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है। यहां होली के दिन अंग्रेजों के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए लाट साहब बने शख्स का जूते और झाड़ूओं से जगह जगह स्वागत किया जाता है।

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