मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद शुरू हुआ था मुख्तार का काउंटडाउन, जीवा की हत्या ने तोड़ी कमर, जानें क्यों था मुख्तार को मौत का खौफ

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद शुरू हुआ था मुख्तार का काउंटडाउन, जीवा की हत्या ने तोड़ी कमर, जानें क्यों था मुख्तार को मौत का खौफ

लखनऊ, अमृत विचार। मुख्तार अंसारी यूपी के अपराधिक जगत का एक ऐसा नाम था जिसके आगे सब नतमस्तक थे। मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा माफिया कहा जाता था। उत्तर प्रदेश की कई बड़ी अपराधी घटनाओं में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया। वर्ष 2005 में भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई। कृष्णानंद एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन कर वापस आ रहे थे इस दौरान एक-47 राइफल से उनकी गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। कहा तो यहां भी जाता है कि इस हत्याकांड को मुन्ना बजरंगी लीड कर रहा था ओर इसका मास्टर माइंड मुख्तार था। 

अपराध की दुनिया में मुख्तार अंसारी का दो दशकों तक एकछत्र  राज रहा। जिसके बाद उसने राजनीति में कदम रखा। अपराध की दुनिया के बाद राजनीतिक जगत में भी मुख्तार अंसारी को कामयाबी मिली। हालांकि, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद मुख्तार अंसारी के बुरे दिन शुरू हो गए।

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मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद शुरू हुआ काउंटडाउन
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ योगी सरकार ने युद्ध गति से कार्यवाही शुरू की। इस दौरान 5 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। वहीं, 6 अपराधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गई। 164 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की गई। मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ 161 मुकदमे दर्ज किए गए। ‌

इसी बीच वर्ष 2018 में बागपत जेल में बंद मुख्तार अंसारी के सबसे करीबी व दाहिना हाथ कहे जाने वाले मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बागपत जेल में मुख्तार अंसारी गैंग के नेटवर्क को संभालने वाले मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मुख्तार अंसारी का गैंग बिखरने लगा। जहां एक ओर सरकार मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद मुख्तार अंसारी को दूसरे गैंग के हावी होने का डर भी सता रहा था। सूत्र बताते हैं कि मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद मुख्तार अंसारी को विरोधी गैंग से गैंगवार का खतरा था। इसको लेकर वह बार-बार आशंका जाता रहा था। 

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संजीव माहेश्वरी व जीव की मौत के बाद टूटी मुख्तार की कमर
दूसरा झटका मुख्तार अंसारी को वर्ष 2023 में लगा जब लखनऊ जेल में बंद मुख्तार अंसारी के दूसरे सबसे करीब संजीव महेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संजीव महेश्वरी पेशी पर लखनऊ कोर्ट आया था। इस दौरान वकील के भेष में एक व्यक्ति ने पीछे से संजीव महेश्वरी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। जिसके बाद संजीव माहेश्वरी की मौके पर ही मौत हो गई। संजीव माहेश्वरी की मौत के बाद मुख्तार अंसारी टूट गया था। बताते हैं संजीव माहेश्वरी की मौत के बाद मुख्तार अंसारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा था वह लगातार खुद की हत्या कराने की बात कह रहा था जिसको लेकर सरकार ने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा भी बढ़ाई थी।

ऐसे ही मुख्तार को नहीं सता रहा था डर 
मुख्तार अंसारी ऐसे ही नहीं अपनी हत्या कराए जाने को लेकर शंका में था। जहां पहले ही जेल में मुख्तार अंसारी के सबसे करीबी मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई। वहीं दूसरी ओर कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोली मार दी गई। इतना ही नहीं पिछले दिनों कुख्यात अपराधी अतीक अहमद वह उसके भाई की पुलिस की मौजूदगी में सिविल अस्पताल से निकलते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं के बाद से मुख्तार अंसारी दहशत में था उसे डर था कि उसकी भी हत्या कराई जा सकती है जिसको लेकर उसने कई बार बयान भी दिए थे। 

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