भीमताल में एक और झील होने के प्रमाण, लेकिन अब आबादी का भार झेल रही

भीमताल में एक और झील होने के प्रमाण, लेकिन अब आबादी का भार झेल रही

राकेश सनवाल, भीमताल, अमृत विचार। नगर में भीमेश्वर झील के अलावा एक और झील पाई जाती थी। नियोजित विकास की भेंट चढ़ी यह झील अब आबादी का भार झेल रही है। इसकी पुष्टि नगर के एक व्यक्ति के पास मिली फोटो के अलावा 1978 में प्रकाशित पुस्तक आइलैंड ऑफ इंडिया में किए गए जिक्र से होती है।

कुआंताल क्षेत्र के बायोटेक भवन के आसपास एक झील हुआ करती थी। जिसे पाट कर अब उसमें आबादी बस चुकी है। झीलों की तस्वीर जॉन स्टेट वर्तमान में जून स्टेट के स्वामी विलियम जॉन ने खींची थी। भीमताल और आसपास के क्षेत्र की मौसमी झील का वर्णन सन 1978 में प्रकाशित पुस्तक हाइलैंड ऑफ इंडिया में है। जिसमें लिखा है कि भीमताल में नल दमयंती ताल डोब और भीमेश्वर ताल के अलावा एक और झील पाई जाती थी। 

माना जा रहा है कि किताब में इस चौथी झील का जिक्र है। डोब झील जो कि पहले एक मौसमी झील थी आज नियोजित निर्माण के कारण अपना अस्तित्व खो चुकी है। इसके अलावा नल दमयंतीताल की 1920 में मोनी बाबा ने सफाई की थी। कुआंताल झील अब पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है।

यह क्षेत्र कुछ वर्ष पूर्व तक एक झील था, लेकिन जैसे-जैसे पानी कम होता गया वैसे-वैसे यहां मैदान बनता गया और लोग बसते चले गए। नतीजा यह है कि अब इस झील का अस्तित्व ही मिट गया है। पर्यावरण विद् पीटर स्मैटाचेक बताते हैं कि झील होने का सीधा प्रमाण यह है कि इस क्षेत्र में काफी कम गहराई में अब भी पानी मौजूद है।

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