Unnao News: दो अलग-अलग हत्याओं में दंपती समेत पांच को आजीवन कारावास...पढ़ें- पूरा मामला

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Published By Nitesh Mishra
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उन्नाव में दो अलग-अलग हत्याओं में दंपती समेत पांच को आजीवन कारावास

उन्नाव, अमृत विचार। सफीपुर कोतवाली और बारासगवर थानाक्षेत्रों में हुई अगल-अलग हत्याओं के मामले की अंतिम सुनवाई शनिवार को कोर्ट में हुई। इसमें न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया और दंपती समेत पांच लोगों को आजीवर कारावास के निर्देश दिये। साथ ही सभी पर अलग-अलग राशि का जुर्माना भी लगाया।

केस-1 

कानपुर जिले के कल्यानपुर बस्ती खेड़ा निवासी नवाब खां ने सफीपुर कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसका बेटा निसार अहमद व भाई मेंहदी एक जमीन खरीदने के सिलसिले में बात करने रमेश पुत्र कालीचरन निवासी परियर व लल्लू पुत्र शिव बालक निवासी बाकरगंज थाना बिठूर जिला कानपुर के साथ परियर गांव आये थे। जमीन के कब्जे को लेकर वहां पर विवाद हो गया। इसमें लल्लू ने बेटे को पीछे से पकड़ लिया और रमेश ने निसार की गोली मारकर हत्या कर दी।

पुलिस ने 21 फरवरी-2015 को हुए हत्याकांड की रिपोर्ट दर्ज कर लल्लू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं 2 मार्च-2015 को रमेश ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। 12 मार्च-2015 को सीजेएम के आदेश पर उन्हें रिमांड पर लेकर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद किया था। आईओ तत्कालीन एसएचओ अरुण राय ने साक्ष्य जुटाते हुए कोर्ट में दोनों के विरुद्ध 27 मई-2015 को चार्जशीट दाखिल की थी।

तभी से केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। शनिवार को दोनों पक्ष की गवाही व बहस पूरी हुई। शासकीय अधिवक्ता यशवंत सिंह की ओर से पेश की दलीलें सुनने के बाद एडीजे स्वतंत्र प्रकाश ने रमेश व लल्लू को आजीवन कारावास के निर्देश दिये। साथ ही उन पर क्रमशः 23 व 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। 

केस-2

बारासगवर थानाक्षेत्र के उमाखेड़ा गांव निवासी सुनीता ने महावीर, रामराज, होरीलाल व उसकी पत्नी  बिंदेश्वरी पर अपने पति शिवबरन की हत्या करने की रिपोर्ट 5 नवंबर-2014 को दर्ज कराई थी। उसका आरोप था कि पड़ोसी गांव घनई खेड़ा निवासी रामराज रावत के कहने पर उसके साले होरीलाल निवासी हमीर गांव जिला रायबरेली को रहीश निवासी चौडगरा जिला फतेहपुर के माध्यम से विदेश भिजवाया था।  चार माह बाद रामराज ने समस्या बताकर होरी लाल को विदेश से वापस बुलाने को कहा था।

पति शिवबरन ने रहीश से कहकर विदेश से उसे वापस बुला लिया था। घटना के 15 दिन पहले उन लोगों ने उसके पति के विरुद्ध बारासगवर पुलिस को ठगी का आरोप लगा शिकायती पत्र दिया था। जांच के लिये हल्का सिपाही के बुलाने पर पति थाने गए थे। इसके बाद क्षेत्र के सम्मानित लोग बीच में पड़े तो पति ने रुपए वापस करने का समझौता कर लिया था। चार नवंबर-2014 की रात 11 बजे उसके घर रामराज, उसका साला होरी लाल, उसका भाई व दो अज्ञात लोग पहुंचे और सिपाही द्वारा बुलाए जाने की बात कह पति को साथ ले गए और जाते समय उन लोगों ने घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।

काफी समय बीतने पर भी जब वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की। लेकिन, कोई पता नहीं चला। पांच नवंबर-2014 की सुबह सात बजे उसके पति का शव चौकीदार धनीराम के खेत में बिजली के खंभे के पास पड़ा मिला था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा था। एसओ नजरुल हसन ने साक्ष्य एकत्रित कर रामराज, होरीलाल व उसकी पत्नी बिंदेश्वरी के विरुद्ध 15 जनवरी-2015 को चार्जशीट दाखिल की थी।   शनिवार को शासकीय अधिवक्ता यशवंत सिंह द्वारा पेश की दलीलों के आधार पर एडीजे स्वतंत्र प्रकाश ने  रामराज, होरीलाल व उसकी पत्नी बिंदेश्वरी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के निर्देश दिये।

गोकशी व हत्या के प्रयास में दो को सात साल की सजा

गोकशी में लिप्त दो आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस पर फायरिंग करने के मामले में कोर्ट ने दो युवकों को सात-सात साल की सजा के साथ 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 

19 जून-2014 को रिजवान उर्फ गुड्डू पुत्र इकबाल हुसैन निवासी सिनौली थाना मीरगंज जिला बरेली व वहीद अल्वी पुत्र सलीम निवासी सहजाद नगर जिला रामपुर गोवंशियों को काटने के लिये ले जा रहे थे। तभी रास्ते में अचलगंज पुलिस ने उन्हें शक होने पर रोका तो दोनों ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया था।

पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़कर रिपोर्ट दर्ज की और जेल भेजा था। छह अगस्त को आईओ महेंद्र सिंह ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। शनिवार को एडीजे-1 ने शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार की दलीलों के आधार पर दोनों को सात-सात साल की सजा के साथ 20-20 हजार अर्थदंड भी लगाया है।

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