Kanpur: दिनचर्या में सुधार कई बीमारियों से करता बचाव; डॉक्टर बोले- हल्के-फुल्के दर्द को न करें नजरअंदाज

Kanpur: दिनचर्या में सुधार कई बीमारियों से करता बचाव; डॉक्टर बोले- हल्के-फुल्के दर्द को न करें नजरअंदाज

कानपुर, अमृत विचार। शरीर में हो रहे छोटे-छोटे दर्द को हम कई बार नजरअंदाज कर देते है। दवा का असर रहने के बाद फिर से दर्द होना या कुछ-कुछ दिन छोड़कर दर्द होना शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है, जिसकी गिरफ्त में आकर शरीर को कई प्रकार की जटिलताओं का सामना करना पड़ जाता है। हालांकि, कई बार यह पोषक तत्वों की कमी के साथ किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी होता है। 

प्रतिवर्ष सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, ताकि कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लोगों में जागरुकता पैदा की जा सके। वर्ष 2024 की थीम मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार रखी गई है। लेकिन भागदौड़ व तनाव भरी जिंदगी के कारण अधिकांश लोग शरीर में प्रतिदिन होने वाले दर्द व अन्य समस्या को नजरअंदाज करते है। 

वहीं, बिगड़ी जीवनशैली व गलत खानपान से भी शरीर कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो रहा है। ऐसे में शरीर में होने वाले आम दर्द के बारे में, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। रोजाना होने वाला सिर दर्द, एसिडिटी, हाथ, पैर व पेट का दर्द आदि ब्रेन ब्रेन ट्यूमर, रूमाटाइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, पेट में छाले, कैंसर, मल्टिपल सिरोसिस व गॉलब्लैडर की बीमारी का संकेत हो सकते हैं। 

सिर दर्द

न्यूरो सर्जन डॉ.राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि अक्सर सिर दर्द की वजह माइग्रेन, नींद की कमी, आंखों पर दबाव और तनाव का खराब मैनेजमेंट हो सकता है। हालांकि, इसे दवाओं के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा महिलाओं को मेनोपॉज और आयरन की गंभीर कमी के कारण हाथ और पैरों का ठंडा होना और साथ ही सिर दर्द भी हो सकता है। वहीं, यह ब्रेन ट्यूमर का भी रूप संकेत हो सकता है। 

पेट में दर्द

गैस्ट्रोसर्जन डॉ.आरके जौहरी के मुताबिक पेट दर्द के पीछे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन या रीप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी दिक्कत शामिल हो सकती है। अपच व छाले की वजह से भी पेट में दर्द हो सकता है। वहीं, लगातर एसिडिटी बने रहने से पेट में कैंसर भी हो सकता है। ऐसे में जांच जरूरी है। 

जोड़ों में दर्द 

आर्थो सर्जन डॉ. फहीम अंसारी के मुताबिक जोड़ों में अक्सर दर्द कैल्शियम की कमी से होता है। मेनोपॉज के वक्त, अचानक एस्ट्रोजन का स्तर कम होने की वजह से भी कैल्शियम की कमी होती है। इसके अलावा जोड़ों में लगातार दर्द आर्थराइटिस का कारण भी हो सकता है। पीठ या कमर दर्द रीढ़ की हड्डी या किडनी से जुड़ी समस्या का भी संकेत हो सकता है। वहीं, विटामिन-डी की कमी से शरीर के कई हिस्सों में दर्द और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। 

पीठ या कमर दर्द

वरिष्ठ आर्थो सर्जन डॉ.एके अग्रवाल के मुताबिक चार घंटे से ज्यादा वक्त तक एक ही जगह पर बैठे रहने से पीठ में सुन्नता या झुनझुनाहट के साथ दर्द हो सकता है। घंटों तक एक ही जगह पर बैठ कर काम करने से कंधों में भी अकड़न हो सकती है। डाइट पोषण से भरपूर नहीं है और शारीरिक गतिविधि की भी कमी है तो आर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है।

सीने में दर्द 

चेस्ट फीजिशियन डॉ.संजय वर्मा ने बताया कि सीने में दर्द को नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और अपने आप से इसका इलाज भी नहीं करना चाहिए। यह दिल के दौरे या फिर पल्मनरी एम्बॉलिज्म का भी संकेत हो सकता है, इसकी वजह एसिड रीफल्क्स या फेफड़ों में खून के थक्के का होना भी हो सकता है।

पैरों में दर्द 

वरिष्ठ आर्थो सर्जन डॉ.अनुपम सचान ने बताया कि पैरों में दर्द के साथ सूजन भी है तो इसकी वजह डीप वेन थ्रॉमेबोसिस या फिर पेरीफेरल आर्टरी बीमारी भी हो सकती है। अगर पैरों में दर्द गंभीर है, जो अचानक शुरू हो जाता है या सूजन और रेडनेस भी हो जाती है तो यह ब्लड क्लॉट या फिर नर्व डैमेज का भी संकेत हो सकता है। 

फिजियोथेरपी है कारगर 

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ.सुमित गुप्ता ने बताया कि फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का ही एक हिस्सा है। शरीर दर्द, मांसपेशी, जोड़, हड्डी या नसों में दर्द को आधुनिक मशीनों के साथ एक्सरसाइज से तकलीफ दूर की जाती है। दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी एक मात्र सहारा है। फिजियोथेरेपी से कमजोर मसल्स और नसों को मजबूत होती है।

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