Shocking! एक साथ जन्मे...एक साथ की पढ़ाई, अब बोर्ड परीक्षा में आए एक बराबर नंबर, दिलचस्प है जुड़वा भाइयों की कहानी

Shocking! एक साथ जन्मे...एक साथ की पढ़ाई, अब बोर्ड परीक्षा में आए एक बराबर नंबर, दिलचस्प है जुड़वा भाइयों की कहानी

पटना। आप लोगों ने बॉलीबुड के दबंग कहे जाने वाले सलमान खान की फिल्म जुड़वा तो जरूर देखी होगी। जिसमें डबल रोल निभाया था। ऐसे ही बिहार के हाजीपुर में दो जुड़वा भाइयों की दिलचस्प कहानी सामने आई है। जिसे पढ़कर आपको लगेगा की ये कहानी तो फिल्मी है। लेकिन ये एक सच्ची घटना है, जहां दो जुड़वा भाई की है। एक साथ जन्में दो भाइयों की संघर्ष की कहानी हैरान करने वाली  है।

एक दूसरे को पहचानने में असमंजस 
दरअसल, एक साथ जन्में हिमांशु और आदर्श के पिता पेशे से मजदूर हैं। जयशंकर ठाकुर को एक साथ दो संतान की प्राप्ति हुई। दोनों हमशक्ल हैं। 15 साल पहले जब दोनों जुड़वा भाइयों का जन्म हुआ तो गांव के लोग या परिवार के लोग भी कई बार असमंजस की स्थिति में पड़ जाते कि हिमांशु कौन है और आदर्श कौन? उस समय इन भाइयों की खूब चर्चा हुई थी। खास बात यह है कि जन्म के पांच साल तक दोनों भाई का दिल और दिमाग एक साथ काम करता था।

एक बीमार तो दूसरा भी... 
जब एक भाई बीमार पड़ता तो दूसरा भाई खुद बीमार हो जाता था। पांच सालों तक जयशंकर ठाकुर दोनों बेटों को डॉक्टर का पास ले जाकर उपचार करवाते रहे। लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद दोनों का स्वास्थ्य ठीक हुआ। उसके बाद दोनों भाई को गांव के ही आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिला कराया गया और वहीं से दोनों की पढ़ाई की शुरुआत हुई। जन्म के समय भी दोनों भाइयों की इलाके में खूब चर्चा हो रही थी और अब 15 साल बाद भी एकबार फिर चर्चा में है।

बोर्ड परीक्षा में लाए बराबर नंबर
दोनों भाई ने हाल ही में मुजफ्फरपुर के एक स्कूल में मैट्रिक की पढ़ाई की। जब परीक्षा का परिणाम आया तो दोनों हिमांशु और आदर्श का रिजल्ट बराबर आया। बड़े भाई आदर्श ने 335 नंबर तो दूसरे भाई हिमांशु ने भी 335 नंबर प्राप्त किया। रिजल्ट जारी होने के बाद से पूरे इलाके में दोनों भाई की खूब चर्चा हो रही है। दोनों भाइयों को लेकर कहा जा रहा है कि एक साथ दोनों भाई एक ही सेट किताब से पढ़ाई करता था और एक ही साइकिल से बैठकर आता जाता था।

दोनों साथ जाते थे स्कूल
आदर्श और हिमांशु से पूछा गया तो दोनों का कहना है कि हम दोनों भाई एक साथ ही स्कूल आते जाते थे। मैट्रिक की परीक्षा देने भी और पढ़ने भी। साथ ही उन्होंने कहा कि हम दोनों एक साथ पढ़ कर मेडिकल की तैयारी करना चाहते हैं। डॉक्टर बनना चाहते हैं।

मां ने बताई पूरी कहानी
आदर्श और हिमांशु की मां सीमा देवी का कहना है कि दोनों ने एक साथ जन्म लिया। जन्म से 5 वर्षों तक दोनों की सेहत बेहद खराब रही। किसी एक की तबीयत खराब हो जाती थी तो दोनों बीमार पड़ जाते थे। उसे समय भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता था। पिता दूसरे प्रदेश में आज भी मजदूरी कर रहे हैं। उस समय भी मजदूरी ही करते थे।

रिजल्ट बराबर से सभी दंग
उन्होंने कहा कि दोनों ने एक साथ मैट्रिक की परीक्षा दी और दोनों का रिजल्ट बराबर आया है। हम लोग को विश्वास ही नहीं हो रहा था लेकिन यह सही है। रिजल्ट जारी हुआ और पता चला तो हम लोग भी हैरान हो गए थे। जो लोग भी सुन रहे हैं वह लोग भी कह रहे हैं कि यह कैसे हो रहा है।" बता दें कि फिलहाल दोनों भाई वैशाली जिले के वैशाली प्रखंड क्षेत्र के वैशाली गांव में अपने घर पर रह रहे हैं और इंटरमीडिएट में दाखिला लेने के बाद मेडिकल की तैयारी करने का इंतजार कर रहे हैं।

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