पीएम मोदी की जनसभा में पहुंचे संतोष, बरेली में छाया रहा सन्नाटा

पीएम मोदी की जनसभा में पहुंचे संतोष, बरेली में छाया रहा सन्नाटा

बरेली, अमृत विचार। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को घेरकर मेयर उमेश गौतम और भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार के खिलाफ हंगामे की घटना के बाद मंगलवार सुबह संतोष गंगवार तो पीलीभीत में प्रधानमंत्री की जनसभा के मंच पर थे और इधर बरेली में भाजपा पूरे दिन सन्नाटे में डूबी रही। 

पार्टी के पदाधिकारी इस घटना के बाद नफा-नुकसान के तो कयास लगाते रहे लेकिन आधिकारिक तोर पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। इस बीच कुर्मी समाज में लगातार उथल-पुथल चलती रही। संतोष गंगवार समर्थक जिला पंचायत सदस्य ममता गंगवार ने चेतावनी दी कि इस मामले में कोई एक्शन न लिया गया तो रविवार को कुर्मी समाज सड़कों पर उतरेगा।

ब्राह्मण समाज की बैठक में मेयर उमेश गौतम की सांसद संतोष गंगवार और कुर्मी समाज के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का ऑडियो वायरल होने के बाद सोमवार को माहौल गर्मा गया था। शाम को आठ बजे संतोष गंगवार के भारत सेवा ट्रस्ट स्थित आवास पर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह को समर्थकों की भीड़ ने आधे घंटे तक घेरकर मेयर और प्रत्याशी छत्रपाल के खिलाफ नारेबाजी की थी।

 छत्रपाल से नाराजगी की वजह उनका भी ब्राह्मण समाज की बैठक में मौजूद होना बताया जा रहा है। अब संतोष समर्थक कुर्मी समाज के लोग मेयर का इस्तीफा लेने और संतोष गंगवार को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। इससे बरेली में भाजपा के लिए नया संकट खड़ा हो गया है।

भाजपा के लिए बेहद संवेदनशील माने जा रहे इस प्रकरण पर पार्टी पदाधिकारियों ने मंगलवार को पूरे दिन मीडिया से दूरी बनाए रखी। हालांकि अनाधिकारिक बातचीत में संतोष गंगवार जैसे वरिष्ठ नेता और कुर्मी समाज के खिलाफ बेवजह की गई टिप्पणी को गलत करार देते रहे। संतोष गंगवार का टिकट कटने से लेकर इसके बाद एक-एक कर हुई पार्टी को मुश्किल में डालने वाली घटनाओं का भी जिक्र होता रहा। कहा गया कि अब हाईकमान ही तय करेगा कि इस प्रकरण में आगे क्या करना है। पूरा मामला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की जानकारी में पहुंच गया है।

मंच पर मोदी से हुई संतोष की बात
पीलीभीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के मंच पर संतोष गंगवार भी बैठे। बताया जा रहा है कि इस बीच तीन बार मोदी और संतोष के बीच कुछ-कुछ देर के लिए चर्चा हुई। एक बार मोदी ने संतोष के कंधे पर हाथ भी रखा। एक बार प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपनी कुर्सी छोड़कर संतोष गंगवार को उस पर बैठाया।

केंद्रीय मंत्री को दी गई बरेली में डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी
भाजपा सोमवार रात की घटना के बाद जल्द से जल्द डैमेज कंट्रोल की तैयारी में है ताकि इसका असर ज्यादा न फैलने पाए। बताया जा रहा है कि इसके लिए एक केंद्रीय मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। डैमेज कंट्रोल के लिए शीर्ष नेतृत्व की ओर से संतोष गंगवार का भी इस्तेमाल किए जाने संकेत दिए गए हैं।

पूरे बरेली मंडल में कुर्मी मतदाताओं की संख्या बहुतायत में है और पार्टी में कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक में यह आशंका साफ तौर पर दिखाई दे रही है कि अगर जरा भी देरी हुई तो बरेली उथलपुथल की जमीन बन सकती है जिसका असर दूसरी सीटों पर भी पड़ सकता है।

कह रहे हैं समर्थक, अटल ने तो संतोष जी को अंगद बताया था
संतोष गंगवार के समर्थकों की जुबां पर वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव का एक वाकया है जब भाजपा और जनता दल मिलकर लड़ रहे थे। बरेली की सीट जनता दल को दे गई थी, लेकिन संघ के वरिष्ठ नेता बरेली से संतोष गंगवार को ही लड़ाने के पक्षधर थे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी से पैरवी की। इसके बाद अटल बिहारी ने संतोष गंगवार को अपना अंगद बताते हुए कहा था कि यही चुनाव लड़ेगा। संतोष ने 1989 का चुनाव जीता। तब से इस सीट पर वह भाजपा के लिए अंगद बने रहे लेकिन फिर भी उनका टिकट काट दिया गया।

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