मौलाना तौकीर रजा घर पर मना सकेंगे ईद, सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत

मौलाना तौकीर रजा घर पर मना सकेंगे ईद, सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत

बरेली/दिल्ली, अमृत विचार: सेशन कोर्ट से बरेली में 2010 में हुए दंगे के मुख्य अभियुक्त करार दिए गए आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को बुधवार को ईद से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। शीर्ष अदालत ने सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।

करीब 14 साल बाद दंगे के केस में मौलाना तौकीर की मुश्किल पांच मार्च को तब बढ़ गई थी, जब फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्पेशल जज रवि कुमार दिवाकर ने सीआरपीसी की धारा 319 की शक्ति का प्रयोग करते हुए उन्हें मुख्य आरोपी करार देकर अदालत में पेश होने का आदेश जारी कर दिया। मौलाना के हाजिर न होने पर 13 मार्च को गैरजमानती वारंट जारी कर दिया गया, जिसके विरुद्ध तौकीर हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने 19 मार्च को मौलाना को मामूली राहत देते हुए गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी और मौलाना को 27 मार्च तक ट्रायल कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दे दिया।

तौकीर इसके बाद भी कोर्ट मे हाजिर नहीं हुए। इस बीच दंगे का केस जिला जज की अदालत में ट्रांसफर हो गया। तौकीर के वकील ने उन्हें बीमार बताते हुए हाजिरीमाफी की अर्जी दी लेकिन कोर्ट ने अर्जी लेने से इन्कार कर दिया। एक अप्रैल को जिला जज विनोद कुमार ने तीसरी बार गैरजमानती वारंट जारी कर तौकीर को फरार घोषित कर दिया।

 इसके साथ तौकीर के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। तौकीर की ओर से हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे अर्जी दी गई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने बुधवार को हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ऐश्वर्य पाठक, अशद अल्वी और राजेश त्यागी ने तौकीर का पक्ष रखा।

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