ईडी ने सोरेन के जमीन खरीद से जुड़े मामले में चार और लोगों को किया गिरफ्तार

ईडी ने सोरेन के जमीन खरीद से जुड़े मामले में चार और लोगों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में बरियातू जमीन सौदे से संबंधित एक धन शोधन के मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी (ईडी) ने छापे मार कर चार आरोपित व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। जमीन अधिग्रहण में कालीकमाई खपाने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कुछ एक अधिकारी जुड़े हैं। 

ईडी की गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में उसकी हाल की कार्रवाई में गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम प्रिय रंजन सहाय, इरशाद अख्तर, अंतु तिर्की और बिपिन सिंह बताए गए हैं। इसके अलावा असरफ अली नाम के एक अन्य व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है जिसे विशेष ईडी अदालत ने 22 अप्रैल तक हिरात में रखने की मंजूरी दी है। इससे पहले सद्दाम हुसैन नाम का एक और आरोपी भी 20 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में है। 

उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा रांची के बरियातू में अधिग्रहित की गयी 8.8 एकड़ जमीन से जुड़ा है। इस मामले में  सोरेन के अलावा राजस्व विभाग के एक अधिकारी भानुप्रताप प्रसाद पहले से गिरफ्तार हैं और न्यायिक हिरासत में हैं। इसी जमीन सौदे में अवैध कमाई के खपाने के मामले की जांच धन शोधन निवारक अधिनियम 2002 के तहत जांच कर रही है। भानुप्रताप प्रसाद जमीन के मूल सरकारी दस्तावेजों का रक्षक था। 

सोरेन और प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने अपराध की कमाई को हासिल कर के उसको विभिन्न तरीकों से छुपाया। ईडी ने सोरेन, प्रसाद और चार अन्य के विरुद्ध अभियोजन के लिए शिकायत दर्ज की थी। आरोप है कि प्रसाद और अन्य आरोपियों ने सरकारी मूल्यांकन में उक्त 31 करोड़ की जमीन के अवैध तरीके से अधिग्रहण और उस पर कब्ज़ा करने में सोरेन की सहायता की और उन्हें बढ़ावा दिया। ईडी ने इस जमीन को कुर्क कर लिया। 

इसके बाद, सद्दाम हुसैन को अभिलेखों की जालसाजी और फर्जीवाड़ा करने के आरोप में नौ अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने जमीन के सौदों में इसी तरह की हेराफेरी के कथित पांच मामलों में झरखंड पुलिस और कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उनमें काली कमाई को ठिकाने लगाने के पहलुओं की जांच शुरू की है। ईडी की इस जांच में कुछ सरकारी अधिकारियों से कई व्यक्ति फंसे हैं। 

जांच से पता चला है कि झारखंड में भू-माफिया सक्रिय हैं जो जमीनों के मूल दस्तावेजों को फर्जी तरीके से बदल देते हैं या उन्हें लुप्त करा देते हैं। ईडी इस संबंध में तलाशी की 51 कार्रवाई और नौ सर्वे करा चुका है। इन कार्रवाइयों में ईडी ने करीब 1.15 करोड़ रुपये की नकदी और 3.56 करोड़ रुपये के बैंक खातों को जब्त किया है। 

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