जौनपुर:भारतीय संस्कृति को जानने के लिए पाराकमाल पहुँचा अमेरिकी छात्रों का दल 

जौनपुर:भारतीय संस्कृति को जानने के लिए पाराकमाल पहुँचा अमेरिकी छात्रों का दल 

आसमां ग्रुप कालेज में छात्रों से किया संवाद 
उर्दू भाषा का ज्ञान अर्जित करने के लिए भारत के दौरे पर है

 

जौनपुर, अमृत विचार। संयुक्त राज्य अमेरिका से पाँच छात्रों का दल भारत दौरे पर आया हुआ है। भारतीय संस्कृति और उर्दू भाषा की शोध के लिए अमेरिकी छात्रों का दल शुक्रवार की देर शाम पाराकमाल पहुँचा । ग्रामीणों से रूबरू हुए और यहाँ की संस्कृति को नज़दीक से समझा। दूसरे दिन आसमां ग्रुप कालेज गोरारी में छात्रों से संवाद किए।

जौनपुर मुख्यालय पहुँचकर ऐतिहासिक धरोहर अटाला मस्जिद, शाही किला, राजा साहब की हवेली का अवलोकन किया दरअसल अमेरिकी छात्रों का एक दल लखनऊ स्तिथ अमेरिकन सेंटर पर आया हुआ है। वहाँ से पाँच छात्रों का डेलिगेशन स्थानीय थाना क्षेत्र के पाराकमाल गांव निवासी डॉक्टर अब्दुल वहीद के आवास पहुँचा। यहाँ संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित कर अब्दुल वहीद ने उर्दू भाषा की साहित्य और भारत के महान विद्वानों की भूमिका को विदेशी छात्रों को अवगत कराया।

दूसरे दिन शनिवार को पूर्वाह्न आंसमा ग्रुप कालेज, अल्फारुक अकेडमी सबरहद में छात्रों से संवाद किया। इस दौरान आयोजित संस्कृति कार्यक्रम देखकर अमेरिकी छात्रों ने ख़ूब प्रशंसा की। चूँकि इन छात्रों को उर्दू की अच्छी जानकारी थी इस वजह से उन्हें भाषा की कोई समस्या उतपन्न नही हुई।

छात्रों से संवाद में अमेरिकी डेलीगेट छात्रों ने कहा कि यहाँ की संस्कृति और विरासत बहुत ही निराली है, उर्दू साहित्य भाषा का भारतीय विद्वानों से सीखने का मौका मिला। तत्पश्चात इन छात्रों का दल ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन के लिए जिला मुख्यालय रवाना हो गया इस मौक़े पर डॉक्टर फखरुद्दीन, एहतेशाम, अम्मार वहीद, फरहान, अरक़म, जाकिर, अदनान समेत अन्य लोग शामिल रहे। 

 

गांव में की पगडंडी, सीखा कुल्हड़ बनाने का गुर

 

भारतीय संस्कृति को जानने की उत्सुकता लिए दौरे पर आया अमेरिकी छात्रों का दल ने गांव की पगडण्डी भी नापी, पाराकमाल के पश्चिम भरौटी में पप्पु राजभर के घर पहुँचकर कुल्हड़ बनाने की कला को सीखा । इन छात्रों ने तस्वीर को शूट करने में पीछे नही रहे ।

अमेरिका के अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्रों का इस गांव में दौरे से जहाँ चर्चा का विषय बना रहा वही इन छात्रों के फ़र्राटेदार उर्दू बोलने से ग्रामीण और बच्चे ख़ुश दिखे। इस मौक़े यह दल हर किसी से विभिन्न विषयों में प्रश्न करता दिखा । इनका दौरा गांव में आकर्षण का केन्द्र बना रहा।