Kanpur: सात साल तक चला उम्र बढ़ाने का खेल; कर्मचारी के रिटायरमेंट से एक महीने पहले हुआ खुलासा, शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। शिक्षा विभाग में मंधना के बीपीएमजी इंटर कॉलेज के कर्मचारी की उम्र कम करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। विभाग की जांच में सामने आया है कि यह पूरा खेल सात साल से चल रहा था। कर्मचारी ने वर्ष 2016 में उम्र में कमी किए जाने का आवेदन किया था। खास बात यह है कि अगले महीने जून में रिटायरमेंट होने की जब स्कूल में तैयारी चल रही थी, उस समय इस पूरे मामले का खुलासा हो गया।

कर्मचारी की उम्र में  हेरफेर के मामले की शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है। जांच में सामने आया कि आरोपी स्कूल का कर्मचारी सुभाष द्विवेदी अपनी उम्र पांच साल कम कराने के लिए 7 साल पहले ही आवेदन कर चुका था। शिक्षा विभाग की जांच टीम की ओर से अब पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है। जांच के दायरे में यह भी प्राथमिकता से परखा जा रहा है कि स्कूल के कर्मचारी की ओर से दिए गए दस्तावेज का सत्यापन कराए जाने की प्रक्रिया विभाग के कर्मचारियों ने किस तरह अपनाई थी।

इसके अलावा जांच में स्कूल के कर्मचारी की उम्र में बदलाव के दिए गए आदेशों के भी रिकॉर्ड को परखा जा सकता है। इस पूरे मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। सभी दस्तावेजों को मंगवाया गया है। इसके अलावा प्रकरण की पूरी प्रक्रिया को भी परखा जा रहा है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह है मामला

मंधना के बीपीएमजी इंटर कालेज में कार्यरत एक कर्मचारी ने पांच साल का सेवा विस्तार और वित्तीय लाभ पाने के लिए सेवा पंजिका में दर्ज जन्म वर्ष में बदल डाला। उच्चाधिकारियों ने शिकायत संज्ञान में आने पर प्रकरण की जांच शुरू हुई है। प्रथमदृष्टया जांच में डीआइओएस कार्यालय में माध्यमिक शिक्षा पटल देखने वाले लिपिक की संलिप्तता सामने आई है। बीपीएमजी इंटर कालेज में कार्यरत कर्मचारी सुभाष द्विवेदी की एक दिसंबर 1990 को नियुक्ति हुई थी। सेवा पंजिका में जन्म वर्ष 1964 लिखा हुआ है। 34 साल नौकरी करने के बाद कर्मचारी ने यह कहते हुए अपनी उम्र कराई है कि उसकी जन्मतिथि गलत दर्ज है।

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