बरेली: पानी को तरस रही नवादा शेखान की 15 हजार आबादी, दो साल से सप्लाई नहीं

बरेली: पानी को तरस रही नवादा शेखान की 15 हजार आबादी, दो साल से सप्लाई नहीं

बरेली, अमृत विचार: हाथ जोड़कर मुस्कराते चेहरों के साथ आने वाले नेताओं के चुनावी वादों में कितना दम होता है, यह नवादा शेखान और राजीवनगर में कोई भी बता सकता है। ये लोग चुनाव दर चुनाव में नगर निगम के ट्यूबवेल के खराब पड़े पंप को जल्द ठीक करा देने का वादा सुनकर उकता चुके हैं। दो साल से नगर निगम की सप्लाई शुरू होने के इंतजार में खरीदकर पानी पीते-पीते अब लोगों ने हैंडपंप और सबमर्सिबल लगवाने शुरू कर दिए हैं।

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यह भी बेहद दिलचस्प है कि नगर निगम का ट्यूबवेल न चलने से पानी की किल्लत झेल रहा यह इलाका स्मार्ट सिटी का हिस्सा है। दो साल से ट्यूबवेल बंद पड़ा है, लेकिन उस पर लगा बोर्ड बराबर एहसास करा रहा है कि यहां के लोग स्मार्ट सिटी में रह रहे हैं। इस ट्यूबवेल से नवादा शेखान और राजीवनगर की करीब 15 की आवादी को पानी की सप्लाई होती थी। जून 2023 में इस ट्यूबवेल का पंप फेल हुआ तो फिर चालू नहीं हो पाया। 

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शुरू में नगर निगम की ओर से यहां पानी के टैंकर भेजकर लोगों की जरूरत पूरी की जाती रही लेकिन कुछ समय बाद ही यह सिलसिला भी बंद हो गया। प्रभावित इलाके के लोगों का कहना है कि मई 2023 में नगर निगम का चुनाव हुआ तो वोट मांगने आए पार्षद और मेयर के प्रत्याशियों के उन्होंने यह समस्या रखी थी। प्रत्याशियों ने चुनाव होते ही ट्यूबवेल का पंप ठीक करा देने का वादा किया था लेकिन इस वादे का इतना भी लिहाज नहीं किया कि पहले की तरह पानी के टैंकर ही भिजवाते रहते। 

लोगों ने बताया कि वे खराब पंप को ठीक कराने के लिए 17 बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं। हर बार एक ही जवाब मिलता है कि जल्द दूसरा बोरिंग कराकर पानी सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। मोहल्ले के डॉ. उमेश चंद्रा और क्रांति स्वरूप ने बताया कि लोगों ने कुछ समय पहले घरों में हैंडपंप लगवाने शुरू कर दिए हैं। कई ने सबमर्सिबल पंप भी लगवा लिए हैं।

मजबूरी का लाभ उठाकर आरओ प्लांट ने भी दुगने कर दिए पानी के दाम
नवादा शेखान और राजीव नगर में सैकड़ों लोगों को नगर निगम की सप्लाई ठप होने की वजह से पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि कुछ समय पहले तक आरओ प्लांट के पानी से भरा वाटर कूलर 10 रुपये में मिल जाता था, लेकिन अब एकाएक 20 रुपये का कर दिया गया है।

हालांकि इससे भी एक परिवार का पूरे दिन काम नहीं चल पाता। जिन परिवारों में ज्यादा सदस्य हैं, उन्हें एक दिन में दो-दो वाटर कूलर खरीदने पड़ते हैं। इस तरह लोगों को हर महीने पीने के पानी पर ही छह सौ से 12 सौ रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद पीने का पानी काफी किफायत से इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

शहर के कई और इलाकों का हाल ठीक नहीं
गर्मी बढ़े के बाद शहर के करीब 35 मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति लड़खड़ा गई है। इन इलाकों में अब 170 एमएलडी पानी की मांग है जबकि नगर निगम 142 एमएलडी पानी की ही सप्लाई कर पा रहा है। पुराना शहर के रबड़ी टोला, कटरा चांद खां, फाल्तूनगंज और कालीबाड़ी जैसे सघन आबादी के कई इलाकों में जरूरत के मुताबिक पानी घरों तक नहीं पहुंच रहा है। कई इलाकों में गंदा पानी आने की शिकायत है जो पीने लायक नहीं होता। कई जगह पानी का प्रेशर कम होने के कारण लोग दिक्कत झेल रहे हैं।

नगर निगम का ट्यूबवेल खराब हुए दो साल हो गए हैं। अफसरों और नेताओं से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अब नगर निगम वाले कह रहे हैं कि नया पंप लगाया जाएगा लेकिन कब लगेगा, यह कोई बताने वाला नहीं है- ओमप्रकाश व्यापारी

ट्यूबवेल का पंप खराब होने के बाद एक साल पहले तक मोहल्ले में पानी के तीन टैंकर आते थे लेकिन अब उनका आना भी बंद हो गया है। पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। पानी बेचने वालों ने दाम भी बढ़ा दिया है। कई बार पार्षद से कहने का भी असर नहीं हुआ- वेदप्रकाश

पानी की समस्या दो साल से है, हमने तो हैंडपंप लगवा है। हालांकि उससे पीने लायक पानी नहीं मिल रहा है। पीने के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है। चुनाव के समय प्रत्याशियों ने समस्या का समाधान कराने का वादा किया था लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है- अनिल गुप्ता

कई बार प्रयास के बाद भी ट्यूबवेल के पंप का रीबोर सफल नहीं हो पाया। अब दूसरी जगह पंप लगाने की योजना बनाई है और इसके लिए सिंधुनगर और गुलाबबाड़ी के पास जगह देखी गई है। नया पंप का प्रस्ताव भी दे दिया गया है, चुनाव बाद पंप लग जाएगा- छंगामल मौर्य, पार्षद

नवादा शेखान में ट्यूबवेल के पंप का रीबोर कराया गया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। इलाके को विकल्प के तौर पर बुखारपुरा से जोड़ा गया है। इससे काम चल रहा है। आने वाले समय में नया बोरिंग कराया जाएगा, इसके लिए जगह देखी जा रही है- सिद्धार्थ कुमार, अधिशासी अभियंता, जलकल विभाग

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