Kanpur: ब्लैक फ्राइडे: गंगा मे डूब कर पांच बच्चों की मौत, अलग-अलग जगहों पर हुए हादसे, परिजनों में मची चीख पुकार

सुबह अरौल के आंकिन गंगा घाट पर हादसे में तीन बच्चों की मौत, दोपहर में शिवराजपुर मे दो बच्चों की मौत

Kanpur: ब्लैक फ्राइडे: गंगा मे डूब कर पांच बच्चों की मौत, अलग-अलग जगहों पर हुए हादसे, परिजनों में मची चीख पुकार

कानपुर, अमृत विचार। शुक्रवार का दिन बिल्हौर तहसील के लिए ब्लैक फ्राईडे के रूप में दर्ज हो गया। तहसील क्षेत्र के अरौल थाना क्षेत्र अंतर्गत आंकिन गंगा घाट पर शुक्रवार की सुबह लगभग 9:00 बजे आंकिन गांव निवासी फूल सिंह की 6 वर्षीय पुत्री एकता व फूल सिंह के भाई हरि प्रसाद की 10 वर्षीय पुत्री प्रांसी और उसके साथ उसका सगा भाई ज्ञान खेलते-खेलते गंगा किनारे पहुंच गए। 

गंगा की धारा के उस पार अपने खेतों के पास खेल रहे थे। तभी अचानक खेलते खेलते ही तीनों बच्चे गंगा में चले गए और बीच धार में जाकर डूब गए। देखते ही देखते बच्चे काफी दूरी बह गए। आनन-फानन में परिजनों में बच्चों को देखते ही हड़कंप मच गया। जैसे-तैसे परिजनों ने गंगा में कूद कर बच्चों को बाहर निकला। लेकिन दुर्भाग्यवश तब तक बच्चों की मौत हो चुकी थी। 

इस दर्दनाक हादसे से मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। परिजन में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी अखिलेश कुमार पाल मौके पर पहुंच गए और आवश्यक कार्रवाई करते हुए बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए कानपुर भेजा। शांति व्यवस्था के लिए मौके पर पहुंचे एसीपी अजय कुमार त्रिवेदी ने बताया कि बच्चे परिजनों के पीछे ही गए थे तभी हादसा हो गया। गहरे पानी में बच्चे संभल नहीं सके और बीच धारा में बह गए। 

शिवराजपुर थानाक्षेत्र के खेरेश्वर घाट पर शुक्रवार को गर्मी के चलते गंगा में नहाने के तीन किशोर उतरे। अधिक गहराई में जाने के कारण तीनों डूब गए। हो-हल्ला सुन गोताखोर तलाश में उतरे। गोताखोरों ने एक को बचा लिया। जबकि एक अन्य का गोतखोरों ने शव बरामद किया। वहीं, गोताखोर तीसरे की तलाश में जुटे हुए है। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।

शिवराजपुर के वार्ड-पांच निवासी श्लोक अवस्थी (16) पुत्र आनंद अवस्थी, दीप बाजपेई (17) पुत्र राघवेंद्र बाजपेई और सक्षम पुत्र आनंद आपस में दोस्त थे। अधिक गर्मी के चलते शुक्रवार दोपहर तीनों खेरेश्वर घाट पहुंचे। जहां तीनों गंगा स्नान करने के लिए उतरे। अधिक गहराई में जाने के चलते तीनों डूबने लगे। हो-हल्ला सुन स्थानीय लोग और गोताखोरों ने सक्षम को बाहर निकाल लिया, जबकि श्लोक का कुछ देर बाद शव बरामद हुआ। वहीं, गोताखोर गंगा में दीप की तलाश में जुटे हुए है।

बच्चों के परिजनों को मिलेगा चार लाख का आर्थिक मुआवजा 
 
घटनास्थल पर पहुंचे तहसीलदार बिल्हौर तिमराज सिंह ने परिजनों को बताते हुए उनको हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके साथ ही कानपुर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर बच्चों के परिजनों को चार लाख रूपये आर्थिक मुआवजे के तौर पर मिलेंगे। 

गंगा घाटों पर नहीं है सुरक्षा के इंतजाम 

प्रति वर्ष सावन महीने मे या अन्य महीनों ने घटनाएं होती है। आंकिन गंगा घाट पर इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है। दो वर्ष पूर्व ही एक साथ छह बच्चे गंगा मे डूब गए थे और शिवराजपुर के सरैया घाट पर भी घटनाएं हो चुकी है लेकिन घटनाओं पर स्थानीय जिला प्रशासन ने प्रभावी कदम नहीं उठाए, जिसके चलते हादसों पर रोकथाम की जा सके। जबकि नमामि गंगे योजना के अंतर्गत करोड़ों रूपये घाटों पर खर्च किए गए तो सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए। बिल्हौर तहसील के किसी गंगा घाट पर न तैराकी की सुविधा है न गोताखोरों की और न ही स्टीमर की। ऐसे में क्षेत्र में कहीं भी आवश्यकता पड़ती है तो प्रशासन को कानपुर से संसाधन वहां से मंगाना पड़ता है।

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