राजस्थान सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण की समीक्षा करेगी: अविनाश गहलोत

राजस्थान सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण की समीक्षा करेगी: अविनाश गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मंत्री अविनाश गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण की समीक्षा करेगी। राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति के तहत 1997 से 2013 तक मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण दिया और अब इसकी समीक्षा की जाएगी।

अविनाश गहलोत मंत्री ने कहा, ‘‘बाबा साहेब आंबेडकर ने संविधान में लिखा था कि धर्म के आधार पर किसी भी जाति या वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, लेकिन 1997 से 2013 तक कांग्रेस ने मुस्लिम जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया।’’ उन्होंने एक वीडियो में कहा, ‘‘हमारे पास परिपत्र भी हैं जिनकी आने वाले समय में विभाग और सरकार द्वारा निश्चित रूप से समीक्षा की जाएगी।

मुस्लिमों की 14 जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया है। हमारे पास शिकायतें हैं और विभाग सत्यापन करा रहा है, आने वाले समय में हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएंगे और देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।’’ संपर्क करने पर मंत्री ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना असंवैधानिक है इसलिए इसकी समीक्षा होनी चाहिए।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा केंद्र सरकार के काम का हिसाब देने के बजाय लोकसभा चुनाव में हार के डर से ‘हिंदू-मुस्लिम’ की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हार के डर से चाहे कितनी भी हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर लो, सरकार तो ‘इंडिया’ गठबंधन की ही बनेगी। जनता 10 साल का हिसाब मांग रही है,

महंगाई, बेरोजगारी और कुशासन पर जवाब मांग रही है।’’ एआईएमआईएम के राज्य महासचिव काशिफ जुबैरी ने कहा कि वह समीक्षा का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा को किसी धर्म को निशाना बनाने वाले फैसले लेने के बजाय अपने चुनावी घोषणा पत्र की समीक्षा करनी चाहिए। 

ये भी पढ़ें- त्रिपुरा गरीबी से जूझ रही महिला ने अपने ही चार दिन की नवजात बच्ची को बेचा