कासगंज: पशुओं पर गर्मी की मार, सूख रही दूध की धार 

Amrit Vichar Network
Published By Afzal Khan
On

कासगंज, अमृत विचार: आसमान से बरसती आग से पशुधन झुलस गया है। गर्मी की मार से पशु बेहाल हैं। तभी तो भीषण गर्मी में दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है। पशुपालक चिंतित हैं। दूध की गिरावट की मार सबसे अधिक उन गरीब पशुपालकों पर पड़ रही है। इनके परिवार की रोजी रोटी दूध बिक्री पर ही आधारित है।

गर्मी के मौसम में दुधारु पशुओं में दूध की कमी हो जाती है और दूध का उत्पादन कम हो जाता है। भीषण गर्मी में पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है। आसमान से बरसती आग से दूध उत्पादन गिरने लगा है। इससे लाखों रुपये का नुकसान पशुपालकों को हो रहा है।

तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच गया है। ऐसे में गाय और भैंस 15 से 20 फीसद तक कम दूध दे रही हैं। दूध का उत्पादन गर्मी में गिर जाने से पशुपालक परेशान हैं, उन पर दोहरी मार पड़ रही है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि सूरज की आग उबलने से पशुओं की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

अधिक खर्चा, दूध कम
पशुओं की परवरिश पर इन दिनों अधिक खर्चा करना पड़ रहा है। जबकि पशु दूध कम दे रहे हैं। गर्मी के मौसम में हरे चारे की दिक्कत है। तब भी किसान महंगा चारा खिला रहे हैं। खल चोकर पर अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं, जबकि दूध उत्पादन गिरता ही जा रहा है। चिकित्सकों ने पशुपालकों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। 

यह बरतें सावधानी
- नमक चीनी का घोल दुधारू पशुओं को पिला
- हवादार और छायादार स्थान पर पशुओं को रखें
- दिन में कम से कम चार बार पशुओं को नहलाएं

 आंकड़े की नजर से
-50 हजार दुधारु गाय हैं जिले में।
- 2.80 लाख दुधारु भैंस हैं जिले में।
-02 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन होता है उत्पादन।
-35 हजार लीटर तक औसतन दूध उत्पादन में आई गिरावट।
-19.25 लाख रुपये औसतन प्रतिदिन पशुपालकों को लग रही चपत।
-18 सौ रुपये प्रति कुंतल बिक रहा है भूसा।

गर्मी के मौसम में दूध का उत्पादन गिर जाता है। पशुपालक पशुओं की परवरिश बेहतर ढंग से करें उन्हें गर्मी से बचाए तो दूध गिरावट में कमी आएगी- राजेश कुमार निजी पशु चिकित्सक

यह भी पढ़ें- कासगंज: चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी, नहीं कराने पर मुश्किल में पड़ सकते हैं आप

संबंधित समाचार