UP: डॉक्टर की मौत: छत में देर रात चल रही थी पार्टी, डक्ट में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला शव, साथी डॉक्टरों पर हत्या की आशंका

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Published By Deepak Shukla
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एडिशनल सीपी और फोरेंसिक की टीम ने घटनास्थल से जुटाए साक्ष्य, परिजनों को हर मदद का दिलाया भरोसा

कानपुर, अमृत विचार। स्वरूप नगर थानाक्षेत्र में स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में बने परीक्षा भवन की पांचवी मंजिल से संदिग्ध परिस्थितियों में डक्ट में गिरने से महिला एमबीबीएस डॉक्टर की मौत हो गई। महिला डॉक्टर अपने दो साथी पुरुष डॉक्टरों के साथ पांचवी मंजिल में बुधवार देर रात पार्टी कर रही थी। घटना के बाद दोनों डॉक्टरों ने जानकारी कैंपस में रहने वालों को दी। जिनकी सूचना पर स्वरूप नगर पुलिस पहुंची और जांच पड़ताल की। 

इस दौरान दोनों डॉक्टरों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। पुलिस ने तुरंत सूचना परिजनों को दी, तो कोहराम मच गया। सभी परिजन कानपुर पहुंचने के लिए तुरंत ही निकल पड़े। परिजनों ने घटनास्थल देखा तो दोनों डॉक्टरों पर घसीटकर डक्ट में फेंककर हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल सीपी, डीसीपी, एसीपी और फोरेंसिक ने घटना के साक्ष्य जुटाए और परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।      
  
मूलरूप से जसवंत नगर इटावा के ग्राम अजनौरा के रहने वाले रघुवीर तिवारी सेना में मेजर के पद पर बरेली में तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने वहां रहते एक मकान बरेली के थाना बारादरी के सुरेशनगर शर्मा नगर में बनवा लिया था। वहां मकान होने के चलते उनके निधन के बाद कुछ वर्ष पहले प्रिंटिंग प्रेस का व्यापार करने वाले उनके बड़े बेटे प्रदीप तिवारी अपनी पत्नी अनीता उर्फ रेनू, पुणे में इंजीनियर बेटे मयंक तिवारी और 24 वर्षीय इकलौती बेटी दीक्षा तिवारी के साथ रह रहे हैं। 

पिता के अनुसार जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से बेटी दीक्षा ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। बताया कि उसकी मेरठ मेडिकल कॉलेज में नौकरी लग गई थी। इसके लिए वह तीन दिन पूर्व साइन आदि करने गई थी। बताया कि 25 जून से उसे रेगुलर होना था। इस कारण वह अपना सामान लेने के लिए आई थी। लेकिन उसके साथ घटना कर दी गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एमबीबीएस डॉक्टर दीक्षा तिवारी आर्य नगर में किराए पर कमरा लेकर रह रही थी। जहां वह एक डॉक्टर के रिलेशनसिप में थी। 

मेरठ जाने से पहले उसके साथ बैचमेट रहे डॉ मयंक और डॉक्टर हिमांशु ने आर्य नगर में एक रेस्टोरेंट में पार्टी की। इसके बाद बुधवार देर रात करीब 1 बजे वह लोग मेडिकल कॉलेज कैंपस में स्टेट बैंक के बगल में बने परीक्षा भवन में गए और पांचवी मंजिल में फिर से पार्टी शुरू की। पार्टी में मौज मस्ती करते-करते तीनों डक्ट की पांच फुट दीवार पर चढ़कर बैठ गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस दौरान दीक्षा बीच में थी और दोनों डॉक्टर अगल-बगल बैठे थे। तभी संदिग्ध परिस्थितियों में दीक्षा डक्ट की ऊपरी सतह की स्लैब तोड़ते हुए पांचवी मंजिल डक्ट में गिर गई। 

गंभीर रूप से घायल होने के बाद दोनों डॉक्टरों के होश उड़ गए। शोर मचाते हुए दोनों नीचे डक्ट में पहुंचे और दरवाजा तोड़ दिया और आसपास के कैंपस में रहने वाले लोगों को घटना की जानकारी दी। सूचना पर स्वरूप नगर इंस्पेक्टर राजेश शर्मा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और लहूलुहान अवस्था में उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे। जहां इमरजेंसी में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 

इस दौरान स्वरूप नगर इंस्पेक्टर ने घटना की जानकारी एसीपी शिखर और डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम को दी। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने रात में ही फोरेंसिक टीम के साथ घटना के साक्ष्य एकत्र किए। इसके बाद दोनों डॉक्टरों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल सीपी हरीश चन्दर ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पिता को ढांढस बंधाकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।  

इस मामले में पिता प्रदीप तिवारी, अजीतमल निवासी मौसा अरुण दुबे, फुफेरे भाई गौरव ने गंभीर आरोप लगाया कि देर रात दोनों डॉक्टरों ने उनकी दीक्षा के साथ पार्टी की इसके बाद उसकी हत्या करने के बाद उसे घसीटकर डक्ट में फेंक दिया। आरोप था कि छत पर खून के पैरों के घसीटने के निशान हैं। उन लोगों का आरोप था कि पुलिस की कहानी पूरी फिल्मी है। पुलिस ने न तो सीसीटीवी फुटेज चेक किए न तो गहनता से जांच की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एमबीबीएस डॉक्टर के सिर, मुंह, कमर में घाव, पैर में रगड़ के निशान मिले हैं। फिलहाल डफरिन की डॉ कल्पना चतुर्वेदी और डॉ आलोक मिश्रा ने वीडियोग्राफी और पैनल से पोस्टमार्टम किया है।

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