डॉक्टर पर लगा प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोप, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक ने दिए जांच के आदेश
लखनऊ, अमृत विचार। बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित मरीज ने मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई। शासन के आदेश के बाद अस्पताल प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है। सरकारी सेवा में रहते हुए कोई भी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करता है। इसके बदले डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ता भी सरकार की ओर से प्रदान किया जाता है। इसके बावजूद डॉक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लग रहे हैं।
सीतापुर रोड स्थित पतौरागंज निवासी धनंजय अवस्थी ने 29 मई 2024 को मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल में शिकायत की। शिकायती पत्र के मुताबिक धनंजय के मरीज हरदोई निवासी अनुराग कुशवाहा (21) को मानसिक बीमारी है। हरदोई के बालाजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है। आरोप हैं कि यहां बलरामपुर अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ प्रत्येक गुरुवार को ओपीडी संचालित करते हैं। इलाज के बावजूद 25 मई को मरीज की हालत गंभीर हो गई। परिवारीजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। मानसिक स्वास्थ्य विभाग की ओपीडी कमरा नम्बर 112 में पहुंचे। यहां आरोपित डॉक्टर मरीज देख रहे थे। तीमारदारों ने उनके द्वारा प्राइवेट अस्पताल में लिखे पर्चे दिखाए। आरोप हैं कि प्राइवेट अस्पताल के पर्चे देख डॉक्टर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि ये पर्चे तुम्हें यहां नहीं लाने चाहिए। इतना कहते हुए मरीज को बिना इलाज लौटा दिया। परेशान हाल पारिवारीजन मरीज को लेकर दूसरे डॉक्टर के पास पहुंचे। इसके बाद परिवार के सदस्य धनंजय अवस्थी ने शिकायत की। शिकायत का अफसरों ने संज्ञान लिया। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरूण ने मामले की जांच के आदेश दिए।
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