लखनऊ विश्वविद्यालय में अब  कार व जहाज के उपकरण डिजाइन कर सकेंगे छात्र, स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए नया कदम

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Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय में स्किल डेवलपमेंट और छात्रों के ज्ञान को बढ़ावा देने लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यहां अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय में  नेशनल एक्रडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीस (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त एडवांस इलेक्ट्रॉनिकी डिज़ाइन लैब एवं कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन ड्राफ्टिंग लैब की शुरूआत हुई है। इन दोनो लैबों से छात्रों को प्रैक्टिकल अब काफी आसानी हो जायेगी। कुलपति ने इन लैबों की शुरूआत शुक्रवार को कर दी है। इस मौके पर इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. मनुका खन्ना, कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह, कार्य अधीक्षक प्रोफेसर डीके सिंह, निदेशक द्वितीय परिसर प्रो. आरके सिंह के साथ अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के सभी शिक्षक उपस्थित रहे। 

इलेक्ट्रानिकी डिजाइन लैब से ये होगा फायदा

संकायाध्यक्ष प्रो. एके सिंह ने संकाय में स्थापित की गई इन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के बारे में बताया कि एडवांस इलेक्ट्रानिकी डिजाइन लैब में सर्किट सिमुलेशन  के लिए विशिष्ट ओरकैड  डिजाइन साफ्टवेयर, डिजिटल सर्किट सिमुलेशन के लिए विवडो साफ्टवेयर एवं एफ. पीजीए हार्डवेयर बोर्ड से छात्रों को इंडस्ट्री -4.0 में प्रयोग होने वाले तकनीकी को सीखाया जा सकेगा।  एनएबी एल मान्यता प्राप्त डिजिटल ऑस्कल्लोंस्कोप, आर्बिट्रेरी फंक्शन जेनरेटर, मल्टी आउटपुट पावर सप्लाई, बेंच टॉप मल्टीमीटर, एलसीआर मीटर से छात्रों को जानकारी मिलेगी। 

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एडवांस इलेक्ट्रॉनिकी डिज़ाइन लैब एवं कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन ड्राफ्टिंग लैब की शुरूआत हुई है। इन दोनो लैबों से छात्रों को प्रैक्टिकल अब काफी आसानी हो जायेगी- फोटो अमृत विचार
 
ड्राफ्टिंग लैब से ये होगा फायदा

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की कम्प्यूटर एडेड डिजाइन एंड ड्राफ्टिंग लैब में ड्रोन, कार, समुद्री जहाज, राकेट एवं दिन-प्रतिदिन उपयोग होने वाले उपकरणों को भविष्य के अनुरूप अत्याधुनिक डिजाइन कर सकेंगे। इससे छात्र अपनी स्किल  को इंडस्ट्री के अनुरूप कर सकेगें, जिससे विनिर्माण करने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनीओं में छात्रो को डिजाइन स्किल के आधार पर प्लेसमेंट सरलता पूर्वक मिल सकेगी । 

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"इन प्रयोगशालाओं से  छात्र- छात्राएं ऑप्टिकल  कम्युनिकेशन व डिजाइन सिमुलेशन  की अलग-अलग आधुनिक तकनीकी को सीख सकेगें। इससे न केवल लखनऊ विश्वविद्यालय बल्कि आस-पास के संस्थानो के छात्र भी लाभान्वित होंगे "
प्रो. आलोक राय कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय 

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