UP Board Session 2024-25: के छात्रों को मिली बड़ी राहत, नये सचिव भगवती सिंह ने कहा निजी स्कूल नहीं वसूल सकते मनमाना शुल्क 

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Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ/प्रयागराज (रविशंकर गुप्ता)  निजी विद्यालय ने बोर्ड की ओर से निर्धारित से अधिक परीक्षा शुल्क से नहीं ले सकते। ऐसा करने पर उस विद्यालय प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्कूल की मान्यता भी निरस्त की जा सकती है। यह बात माध्यमिक शिक्षा परिषद में सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद भगवती सिंह ने अमृत विचार से खास बातचीत में कही। उन्होंने कहा अभिभावकों से यदि ज्यादा शुल्क की मांग होती है तो वह सीधे जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बोर्ड की ओर से निर्धारित परीक्षा शुल्क का पूरा विवरण बोर्ड की वेबसाइट www.upmsp.edu.in पर अपलोड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षकों को भी ध्यान रखना होगा कि निजी स्कूल मनमानी न कर सकें।

500 का 5 हजार रुपये वसूलते हैं निजी स्कूल

निजी विद्यालय बोर्ड की ओर से निर्धारित शुल्क से 10 गुना अधिक परीक्षा शुल्क वसूलते हैं। सत्र 2024-25 में परीक्षा शुल्क हाईस्कूल के लिए 500 से 700 रुपये और इंटरमीडिएट के लिए 600 से 800 रुपये है।

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यूपी बोर्ड ने 2024-25 के छात्रों के लिए इस तरह से निधिार्रित किया है परीक्षा शुल्क, इससे ऊपर कोई स्कूल वसूल रहा है तो होगी कार्रवाई

1500 रुपये तक वसूला जाता है टीसी शुल्क

निजी विद्यालय टीसी का शुल्क भी 1000 से 1500 रुपये तक वसूल रहे हैं। जबकि बोर्ड में टीसी का शुल्क 100 रुपये ही निर्धारित है। टीसी पर काउंटर हस्ताक्षर के नाम पर ये शुल्क वसूला जाता है।

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10वीं का परीक्षा शुल्क
  • संस्थागत 500.75 रुपये
  • क्रेडिट सिस्टम 200.70 रुपये
  • व्यक्तिगत 706 रुपये
  • क्रेडिट सिस्टम 306 रुपये
  • अतिरिक्त विषय 206 रुपये
12वीं का परीक्षा शुल्क
  • संस्थागत 600.75 रुपये
  • व्यावसायिक 600.75 रुपये
  • व्यावसायिक अनुत्तीर्ण 806 रुपये
  • अतिरिक्त विषय 206 रुपये
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यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव का चार्ज संभालते हुए भगवती सिंह और साथ में पूर्व सचिव दिब्यकांत शुक्ला- फोटो अमृत विचार


अपने हिसाब से निजी स्कूल तय करते हैं मासिक फीस

बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि निजी विद्यालय हर माह ली जाने वाली बच्चे की फीस अपने हिसाब से तय करते हैं। वह उनकी व्यवस्था है। शिक्षकों का वेतन है और भी मूलभूत सुविधाओं में खर्च करना पड़ता है। लेकिन बोर्ड के नाम पर अधिक परीक्षा शुल्क नहीं वसूला जा सकता है। अभिभावकों से यदि इस तरह से शुल्क वसूल किया जा रहा है तो इसकी शिकायत अपने जिले के डीआईओएस कार्यलय पर करें। यदि वहां नहीं सुनवाई होती है सीधे बोर्ड को भी शिकायत की जा सकती है हर हाल में कार्रवाई की जायेगी। 

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