लखनऊ : आदेशों के अनुपालन में कमी को लेकर डीजीपी ने जताई नाराजगी

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Published By Vinay Shukla
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पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को लिखा पत्र, कहा प्रशासनिक व्यवस्था पर लग रहा प्रश्नचिन्ह

राज्य ब्यूरो, लखनऊ/ अमृत विचार: पुलिस बल के अराजपत्रित अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेशों के अनुपालन में हीलाहवाली को देखते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि इस तरह के कार्यों से प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।

उन्होंने लिखा कि न्यायालय में रिट याचिकाएं योजित की जाती है तथा न्यायालय द्वारा समय से स्थानांतरण आदेश पर कार्यमुक्त न किए जाने को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की जा रही है। ग्रीष्मकालीन स्थानांतरण सत्र के अंतर्गत पुलिस बल के किए गए समयावधि, प्रशासनिक, जनहित एवं अनुकंपा के आधार पर किए गए स्थानांतरण आदेश का क्रियान्वयन तत्काल किया जाना आवश्यक है, ताकि स्थानांतरित पुलिस बल के कर्मी समय से स्थानांतरित होकर कर्तव्यरत हो जाएं और कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित न हो सके।

उन्होंने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि अत्यधिक मात्रा में समयावधि पूर्ण में किये गये स्थानांतरण आदेश को निरस्त एवं संशोधन कराये जाने के लिए अधिकारियों द्वारा कर्मियों के प्रार्थनापत्र मुख्यालय को संदर्भित किये जा रहे हैं तथा उन्हें संशोधन अथवा निरस्त किए जाने के लिए मुख्यालय में पेश होने की अनुमति प्रदान की जा रही है। कहा कि यदि किसी कर्मी को गम्भीर बीमारी है तो उक्त कर्मी स्थानांतरित स्थान पर आगमन कराने के उपरांत सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से अपना प्रत्यावेदन मुख्यालय को संदर्भित कर सकता है। सक्षम प्राधिकारी उक्त कर्मी का प्रत्यावेदन मुख्यालय को सन्दर्भित करने से पूर्व स्वयं संज्ञान लेते हुए कर्मी द्वारा दर्शायी गयी गम्भीर बीमारी के पुष्टि के उपरांत मय मेडिकल प्रपत्र सहित प्रस्ताव इस मुख्यालय को सन्दर्भित करेंगे।

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