पुलिस की कार्यशैली : रिटायर्ड दरोगा लगाता रहा गुहार, नौ महीने बाद पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
अमृत विचार, लखनऊ। अपनी कार्यशैली के चलते यूपी पुलिस अक्सर सुर्खियों में रहती है। एक ऐसा ही मामला इंदिरानगर थानाक्षेत्र से आया है। जहां, पुलिस महकमें से रिटायर्ड दरोगा एफआईआर दर्ज कराने के लिए कई माह से थाने-चौकी और पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटने में काटता रहा। बावजूद इसके पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। हालांकि, आलाधिकारियों की फटकार के बाद पुलिस ने वारदात के नौ महीने बाद एफआईआर दर्ज की है।
चिनहट थाना अंतर्गत कमता सनातननगर निवासी रिटायर्ड दरोगा द्वारिका प्रसाद शर्मा ने इंदिरानगर थाने में एक उचक्के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। लिखित शिकायत में पीड़ित दरोगा ने बताया कि गत 26 अक्टूबर 2023 को पत्नी मीरादेवी डेंगू से गस्त हो गई है। वह पत्नी को विवेकानंद अस्पताल से दिखाकर मुंशी पुलिया पर पहुंचे। इस बीच वह घर जाने के लिए मुंशी पुलिया से ई-रिक्शे पर सवार हो गए। उनका कहना है कि तभी एक उचक्का ई-रिक्शे में सवार हो गया। द्वारिका प्रसाद शर्मा के मुताबिक पत्नी उनके बगल में बैठी थी। तभी उचक्के ने उनकी पत्नी को सामने की सीट पर बैठने के लिए कहा, जब वह सामने की सीट पर बैठ गई।
आरोप है कि बातों में फंसाकर उचक्के ने रिटायर्ड दरोगा की जेब काट 16 हजार की नकदी पार कर दी। वारदात को अन्जाम देने के बाद उचक्का ई-रिक्शे से उतर कर चंपत हो गया। सतानतनगर पहुंचे पर पीड़ित को जेब कटने की जानकारी हुई। इसके बाद रिटायर्ड दरोगा ने इंदिरानगर थाने में उचक्के के खिलाफ लिखित शिकायत की। बावजूद इसके पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पीड़ित ने बताया कि उनसे उचक्के के खिलाफ थाने-चौकी और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। मंगलवार को आलाधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सम्बन्धित थाना प्रभारी को कड़ी फटकार लगाई। उसके बाद पुलिस ने वारदात के नौ महीने बाद उचक्के के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
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