रायबरेलीः फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों का गैंग एक्टिव, 10 आरोपी गिरफ्तार
रायबरेली से लेकर पूरब और पश्चिम तक फैला नेटवर्क
रायबरेली, अमृत विचार। सलोन कोतवाली क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों से वीडीओ की आईडी और पासवर्ड से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए। इस मामलें में पुलिस ने एसटीएस की मदद से अलग-अलग जनपदों से छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके पहले ग्राम विकास अधिकारी सहित चार लोग जेल भेजे जा चुका है।
शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सभी लोग आपस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हुए थे। जब किसी को कोई जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी, तो वह ग्रुप में उसका नाम, जन्मतिथि और माता-पिता का नाम, पता लिखकर मैसेज कर दिया करते थे। ग्रुप में जुड़े हुए व्यक्ति जिसके पास उस समय के ग्राम विकास अधिकारी की लॉगिन आईडी और पासवर्ड होता था। वह प्रमाण पत्र बनाकर ग्रुप में पीडीएफ डाल दिया करता था।
बारकोड से होता था पेमेंट
ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपनी लॉगिन आईडी उस समय प्रयोग करके विभिन्न जन सेवा केंद्र संचालकों के माध्यम से फर्जीवाड़ा किया जाता था। जिस कारण इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र आसानी से बन जाया करते थे। प्रमाण पत्र मिलने के बाद लोग बार कोड के माध्यम से पेमेंट भी किया करते थे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी एवं फर्जी वेबसाइट से बने जन्म प्रमाण पत्र के माध्यम से यह आरोपी आधार कार्ड में प्रमाणिक संशोधन भी करते थे। इस तरह से ये लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी करने हेतु काम किया करते थे। एटीएस और पुलिस की संयुक्त टीम ने सोनभद्र निवासी गोविंद केसरी निवासी, सन्त कबीर नगर निवासी आकाश, गोरखपुर के सलमान अली, संजीव कुमार निवासी कुशीनगर, वैभव उपाध्याय निवासी प्रतापगढ़ और शाहनवाज निवासी मुरादाबाद को गिरफ्तार किया गया है। जबकि इसके पहले आरोपी ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत जीशान, सुहैल और रियाज को जेल भेज चुकी है।
आरोपियों के पास से बरामद हुआ यह सामान
एसटीएस और पुलिस को आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण उपकरण मिले है। जिनमें तीन टैबलेट, 11 मोबाइल, 7 लैपटॉप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड व आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
यह भी पढ़ेः बिहार से आए मरीज को लोहिया में नहीं मिला इलाज, 15 घंटे तक भटकते रहे तीमारदार
